सरकारी राशि का गबन करने वाले पिता-पुत्र को 10-10 साल की सजा, पद में रहते हुए खाते में ट्रांसफर किए थे लाखों रुपए


न्यामुद्दीन अली, अनूपपुर। मध्य प्रदेश के अनूपपुर में धोखाधड़ी कर सरकारी राशि 35 लाख रुपए से ज्यादा का गबन करने वाले पिता-पुत्र को कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है। मामले में सुनवाई करते हुए प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश पंकज जायसवाल की अदालत ने कड़ी सजा सुनाई है।

जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित अनूपपुर के तत्कालीन प्रभारी शाखा प्रबंधक राजेन्द्र प्रसाद तिवारी और उसके बेटे अनिल कुमार तिवारी को दोषी ठहराया है। जिसके बाद 10-10 साल का सश्रम कारावास और 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

दरअसल, मामला साल 2015 का है। जब जिला सहकारी बैंक ने शिकायत दर्ज कराई थी कि 18 जनवरी 2012 से 20 फरवरी 2014 तक प्रभारी शाखा प्रबंधक के पद पर
पदस्थ राजेन्द्र प्रसाद तिवारी ने अपने बेटे अनिल तिवारी की मदद से 35 लाख से अधिक की राशि का गबन किया।

अनिल तिवारी संविदा कम्प्यूटर ऑपरेटर था। उस ने अपने पिता की आईडी के इस्तेमाल से इस राशि को अपने खाते में ट्रांसफर कर लिया था।

बैंक ने मामले की संयुक्त जांच दल से जांच कराई गई, जिसमें गबन का खुलासा हुआ। कोतवाली अनूपपुर ने मामले में अपराध दर्ज कर जांच पूरी की। जिसके बाद न्यायालय ने आरोपियों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई। वहीं, दो अन्य आरोपी सुनील तिवारी और सतेंद्र परौहा को दोषमुक्त कर दिया गया।

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