‘आत्मवाद, कर्मवाद और पुरुषार्थवाद पर आधारित है जैन धर्म’: मुनिश्री सुधाकर जी महाराज बोले- हर व्यक्ति अपने भाग्य का निर्माता स्वयं होता है
बीडी शर्मा, दमोह। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चातुर्मास करने के बाद श्वेतांबर जैन मुनि आचार्य श्री महाश्रमण मुनि के शिष्य