दिग्विजय सिंह ने इस बार भी नहीं कहा मैं सिंधिया के खिलाफ चुनाव लड़ने को तैयार


मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के सबसे ताकतवर नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह इन दिनों बड़ी अजीब सी स्थिति में दिखाई दे रहे हैं। विधानसभा चुनाव में श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ अपने रिश्तेदार एवं पूर्व मंत्री श्री केपी सिंह को शिवपुरी से चुनाव लड़ने भेज दिया था परंतु लोकसभा चुनाव में स्वयं श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का सामना करने के लिए तैयार नहीं है। 

दिग्विजय सिंह जहां से चाहे चुनाव लड़ सकते हैं

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बयान दिया था कि, चुनाव के लिए कोई 30 साल बाद वापस अपने घर में आ रहे हैं। वे पहले भोपाल से चुनाव लड़े थे। भोपाल से क्यों नहीं चुनाव लड़ रहे हैं? जहां आपकी सीट है। जहां आप 10 साल मुख्यमंत्री थे, वहां कौन आपको मना कर रहा है। इसके जवाब में श्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैं नरेंद्र मोदी और शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ चुनाव लड़ने को तैयार हूं, लेकिन पार्टी ने मुझे यहां से चुनाव लड़ने के लिए कहा है, इसलिए मैं यहां से चुनाव लड़ूंगा। श्री दिग्विजय सिंह ने अपने बयान में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का नाम लिया परंतु श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम नहीं लिया, जबकि केवल मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि सारा देश दोनों को लोकतंत्र के मैदान में आमने-सामने देखना चाहता है। रही बात निर्वाचन क्षेत्र के निर्धारण की तो सब जानते हैं कि, मध्य प्रदेश में चुनाव ग्राम पंचायत का हो या लोकसभा का, टिकट तो श्री दिग्विजय सिंह ही फाइनल करते हैं। 

सिंधिया का सामना करने से क्यों घबरा रहे हैं राजा साहब 

कहानी बड़ी लंबी है लेकिन संक्षिप्त में केवल इतना कहा जा सकता है कि सिंधिया को नुकसान पहुंचाना श्री दिग्विजय सिंह का सबसे प्रिय शौक है। स्वर्गीय श्री माधवराव सिंधिया से लेकर श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया तक, जब भी मौका मिला श्री दिग्विजय सिंह ने उन्हें नुकसान पहुंचा। अब जबकि लोकतंत्र के मैदान में आमने-सामने का मुकाबला करने का मौका आया है, श्री दिग्विजय सिंह उसे गुना शिवपुरी लोकसभा क्षेत्र को छोड़कर भाग रहे हैं, जहां उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत की थी और आज भी उनका सबसे मजबूत नेटवर्क है। यदि श्री दिग्विजय सिंह, चुनाव लड़कर हार भी जाते, तब भी मोदी लहर और EVM के नाम पर उन्हें अपना बचाव करने का मौका मिल जाता लेकिन इस प्रकार से मैदान छोड़ देना, राजनीति के इतिहास में दर्ज किया जाएगा। 

कमलनाथ को लड़ाओ, कांग्रेस की एक सीट बढ़ जाएगी

पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ कहते हैं कि उनका पूरा जीवन कांग्रेस पार्टी के लिए है। उन्होंने पार्टी को मजबूत करने के लिए अपना व्यक्तिगत और व्यक्तित्व सब कुछ न्योछावर कर दिया है। पिछली दफा उन्होंने अपने बेटे नकुलनाथ को कारोबार छोड़कर कांग्रेस की सेवा में लगा दिया था। आज कांग्रेस पार्टी के लिए एक-एक सीट महत्वपूर्ण है। श्री कमलनाथ कांग्रेस पार्टी के अपराजेय नेता हैं। मध्य प्रदेश के किसी भी सीट से लड़ेंगे तो जीत जाएंगे। फिर क्या कारण है कि श्री कमलनाथ को चुनाव मैदान में नहीं उतारा जा रहा है। क्या कारण है कि श्री कमलनाथ लोकसभा का चुनाव लड़ने से डर रहे हैं। 

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