सिर्फ ₹28 में ब्लोटिंग और कब्ज का इलाज, दमकती त्वचा और इम्यूनिटी फ्री


bloating and constipation जैसी बीमारियों से जो लोग परेशान है। उनके लिए यह बड़ी काम की जमीं जानकारी है। सिर्फ ₹28 में न केवल उनकी ब्लोटिंग अथवा कब्ज की बीमारी दूर हो जाएगी बल्कि उनकी त्वचा में चमक और उनके शरीर की इम्युनिटी भी बूस्ट हो जाएगी। इसके लिए कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं देना पड़ेगा। 

Bloating and Constipation – Desi Ayurvedic treatment 

जब मनुष्य का शरीर ड्रिंकिंग वॉटर को लेकर नेगेटिव रिएक्ट करने लगता है। किडनी पानी को पचा नहीं पाती। तब मनुष्य के द्वारा सेवन किया गया अतिरिक्त पानी बॉडी सेल्स में घुस जाता है। इसके कारण मनुष्य का पेट ब्लोटेड महसूस करता है। इसके अलावा कब्ज भारत की बड़ी कॉमन प्रॉब्लम है, लेकिन लोगों को तब शर्मसार होना पड़ता है जब वह किसी मेहमान के सामने होते हैं या फिर स्वयं मेहमान होते हैं। यह दोनों जीवन के साथ चलने वाली बीमारियां हैं। इन्हें दूर करने के लिए सारी उम्र मेडिकल स्टोर के चक्कर लगाना अच्छी बात नहीं है। आयुर्वेद में स्पष्ट उल्लेख है कि पपीता कब्ज एवं ब्लोटिंग का सबसे सही इलाज है। आज की तारीख में सिर्फ ₹28 में 1किलो का पपीता मिल जाएगा। 

पपीता के मेडिसिनल बेनिफिट क्या है

पपीता में कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, प्रोटीन, विटामिन सी के साथ विटामिन ए, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम और विटामिन बी1, बी3, बी5, ई और के जैसे पोषक तत्वों से भरपूर मात्रा में होते हैं। इसमें कैरोटीनॉयड नामक एंटीऑक्सीडेंट भी होता हैं, जो शरीर के लिए इम्यूनिटी बूस्टर का काम करता है। पपीता में पैपिन नामक एंजाइम होता है, जो पाचन को ठीक रखता है। यह एंजाइम प्रोटीन को पचाने में सहायक होता है। 

पपीता में मौजूद विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट हार्ट अटैक के खतरे को कम करते हैं। पपीता खून में एचडीएल कोलेस्ट्रॉल स्तर को बढ़ाने में मदद करता है। यही कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए सबसे फायदेमंद होता है और मनुष्य को हार्ट अटैक की खतरे से बचाता है। 

पपीता कब और कैसे खाना चाहिए

आयुर्वेद में पपीता को सुबह के समय खाने वाला फल बताया गया है। पपीता खाली पेट खाने से फ्री रेडिकल डैमेज भी कम होता है। पपीते में कैरोटीनॉयड जैसे एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मदद करते हैं। इसके सेवन से कई गंभीर बीमारियों से बचाव होता है। यह ध्यान देने की जरूरत है कि प्रत्येक व्यक्ति का शरीर अलग होता है। शरीर की क्षमता और बीमारी का लेवल भी अलग होता है। इसलिए इलाज की दृष्टि से पपीता खाने के लिए कोई भी नियम बनाने से पहले कृपया किसी रजिस्टर्ड आयुर्वेद डॉक्टर से अनिवार्य रूप से संपर्क करें। सरकार की ओर से आयुर्वेद सहित आयुष विभाग के सभी डॉक्टर फ्री परामर्श के लिए ऑनलाइन उपलब्ध है। 

डिस्क्लेमर:- यह जानकारी केवल शिक्षा के उद्देश्य से प्रकाशित की गई है। कृपया इसके आधार पर किसी भी प्रकार की मान्यता निर्धारित नहीं करें और एक दवा के रूप में पपीता का सेवन करने से पहले सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त आयुर्वेद विशेषज्ञ से परामर्श करें।



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