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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और प्रदेश में चल रही कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। इस बैठक का मुख्य केंद्र मध्य प्रदेश को दुनिया का नया ‘ग्लोबल स्टैंडर्ड टाइम’ ज़ोन बनाने का प्रस्ताव रहा, जो ऐतिहासिक और वैज्ञानिक दोनों ही दृष्टियों से महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को विकास कार्यों के लोकार्पण और भूमि-पूजन के लिए मध्य प्रदेश आने का न्योता भी दिया। यह पहल उज्जैन को वैश्विक समय मानचित्र पर फिर से स्थापित करने का एक बड़ा कदम हो सकता है।

उज्जैन का ऐतिहासिक महत्व और GMT

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री को बताया कि लगभग 3000 साल पहले महाकाल की नगरी उज्जैन से ही समय की गणना की जाती थी। यह एक प्राचीन भारतीय वैज्ञानिक परंपरा थी। हालांकि, औपनिवेशिक शक्तियों के प्रभाव में, यह भूमिका पहले पेरिस और फिर ग्रीनविच को ‘ग्लोबल स्टैंडर्ड टाइम’ (GMT) के रूप में मिल गई। मुख्यमंत्री का तर्क है कि एशिया के वैज्ञानिक इस बात पर सहमत हैं कि समय की सटीक गणना पूर्व दिशा से होनी चाहिए, और इस दृष्टि से भारत सबसे उपयुक्त देश है। यह प्रस्ताव भारतीय समय गणना के प्राचीन ज्ञान को पुनर्जीवित करने का एक प्रयास है और ग्लोबल स्टैंडर्ड टाइम (GMT) पर एक नई बहस छेड़ रहा है।

Global Standard Time का महत्व और उज्जैन की नई वेधशाला

‘ग्लोबल स्टैंडर्ड टाइम’ या GMT (ग्रीनविच मीन टाइम) पूरे विश्व की गतिविधियों के सुचारू संचालन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार, हवाई यात्रा, ग्लोबल कम्युनिकेशन और फाइनेंशियल मार्केट्स जैसे क्षेत्रों में एकरूपता सुनिश्चित करता है। उदाहरण के लिए, दुनिया भर की एयरलाइंस और स्टॉक एक्सचेंज इसी स्टैंडर्ड टाइम पर आधारित होते हैं। मध्य प्रदेश सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने उज्जैन के पास एक नई वेधशाला स्थापित की है, जिसका उद्देश्य भविष्य में इसे समय गणना का केंद्र बनाना है। मुख्यमंत्री ने बताया कि जनवरी में ‘ग्लोबल स्टैंडर्ड टाइम’ पर एक ग्लोबल कॉन्फ्रेंस आयोजित किया जाएगा, जिसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री को भी आमंत्रित किया है। यह पहल उज्जैन को “ग्लोबल टाइम मैप” पर फिर से लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

मुख्यमंत्री के प्रस्ताव के फायदे

यदि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का प्रस्ताव साकार होता है और उज्जैन दुनिया का नया ‘ग्लोबल स्टैंडर्ड टाइम’ (New Global Standard Time) केंद्र बनता है, तो इसके कई लाभ (Benefits) हो सकते हैं। सबसे पहले, यह भारत की प्राचीन वैज्ञानिक विरासत को पुनर्जीवित करेगा और भारत के गौरव को बढ़ाएगा। यह उज्जैन को एक अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाएगा और पर्यटन को बढ़ावा देगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होगा। वैज्ञानिक समुदाय के लिए यह नई रिसर्च और डेवलपमेंट (R&D) के अवसर पैदा करेगा। यह ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी पहलों को भी बढ़ावा देगा, खासकर विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में।

आपको क्या लगता है, क्या उज्जैन को ‘ग्लोबल स्टैंडर्ड टाइम’ का केंद्र बनाना भारत और दुनिया के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगा?


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