कथावाचक की जमानत याचिका खारिज: 5 जून को पुलिस ने किया था गिरफ्तार, जानिए क्या है पूरा मामला


कर्ण मिश्रा, ग्वालियर. मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिला न्यायालय ने बैंक में नौकरी लगाने का झांसा देकर ठगी करने वाले आरोपी की जमानत याचिका को निरस्त कर दिया है. आरोपी ने महिला से लाखों रुपये की ठगों को अंजाम दिया था. यह मामला साल 2020 का है.

दरअसल, कोतवाली थाना पुलिस को एक महिला ने शिकायती आवेदन दिया था. जिसमें आरोप लगाया था कि कथावाचक देवऋषि शास्त्री ने बैंक में नौकरी लगाने के नाम पर उससे 3 लाख रुपये ऐंठ लिए थे. लेकिन जब ठगा महसूस किया और रुपये वापास मांगे तो वह फरार हो गया. ऐसे में पुलिस ने कथावाचक देवऋषि शास्त्री के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था.

पुलिस ने कोर्ट में बताया कि 31 जुलाई 2020 को यह मामला दर्ज किया गया था. शिकायतकर्ता महिला पोस्ट ग्रेजुएट होकर सरकारी नौकरी का प्रयास कर रही थी. आरोपी पं. देवऋषि उसके घर पर आया-जाया करता करता था. उसने नौकरी लगवाने का झांसा दिया और पैसों की डिमांड की. साथ ही नवंबर 2019 को 2,50,000 और 13 दिसंबर 2019 को 50,000 रुपये ले लिए. पैसे लेने के बाद से पं. देवऋषि ने उसके घर पर आना बंद कर दिया.

संपर्क करने पर देवऋषि ने चार लाख रुपये की डिमांड रख दी. जिसके बाद कॉल लेटर मिलने का झांसा दिया. ठग शास्त्री की इन बातों से उसकी मंशा साफ हो गई. ऐसे में पुलिस ने FIR दर्ज की थी. आरोपी तभी से फरार भी चल रहा था. ऐसे में कोतवाली थाना पुलिस ने इसी महीने 5 जून को आरोपी देवऋषि को पकड़ लिया. जिसके बाद आरोपी ने जमानत आवेदन कोर्ट में लगाया था. कोर्ट ने आरोपी के फरार रहने के साथ ही ठगी के तरीके को देखते हुए जमानत याचिका को निरस्त कर दिया. आरोपी अभी ग्वालियर के केंद्रीय कारागार में बंद है.

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