MP Rojnamcha – एक मंत्री सिरदर्द बने, दूसरे दर्द से तड़प रहे, 2 विधायक नाराज और कमजोर कलेक्टर


शुरुआत अच्छी खबर से, भोपाल और इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन बन रहा है ‌और लाड़ली बहनों को सम्मान राशि मिल गई। वैसे एक पखवाड़े से सिंदूर की देश, परदेस और प्रदेश में चर्चा हो रही है। पहलगाम में नरपिशाचों ने सिंदूर से होली खेली। भारतीय सेना ने रक्तबीजों से प्रतिशोध लिया। इधर, प्रदेश में मंत्री, सांसद, विधायक की ज़ुबान फिसल रही है। पिछले सप्ताह आदिमानव विभाग के मंत्री की ज़ुबान, नियंत्रण खो बैठी। ज़ुबान फिसली नहीं, बहकी। खूब उत्पात मचाया। जीभ पर काबू नहीं रख सके। फिर शुरू हुआ महासंग्राम, कोर्ट-कचहरी, थाने-चौराहे पर पुतला दहन, सोशल मीडिया और सियासी गलियारों तक इस्तीफे की मांग का दौर।

दर्द से तड़पते मंत्री और 2 विधायक नाराज

शिवपुरी से भाजपा विधायक देवेन्द्र जैन ने अपनी ही सरकार के खिलाफ तीखे तेवर दिखाए हैं। गुना विधायक पन्नालाल शाक्य का दर्द छलका। पूर्व गृह मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि उनके खिलाफ तंत्र-मंत्र हो रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि पूरी भाजपा बहक रही है। राष्ट्रवाद की जीती हुई सम्पत्ति हार रही है। नेताओं पर दुर्बुद्धि सवार है। ऐसे बयान दे रहे हैं कि देश हक्का-बक्का है और कान सुन्न हो गए हैं। 

राजनीति क्या है? राजनीति एक रंगमंच है, जिसमें समस्त धुरंधर चाल चलते हैं और छोटे-छोटे चमचे परिक्रमा करते हैं। राजनीति के सदृश्य कोई दूसरा खेल नहीं है। पग-पग पर शह-मात, विजय-पराजय का खेल चलता है।

भोपाल हादसा

इस सप्ताह तेज़ रफ्तार स्कूल बस ने मौत का कहर बरपाया। बाणगंगा चौराहे पर रेड सिग्नल में खड़ी आठ गाड़ियों को रौंद दिया। इस हादसे में महिला चिकित्सक की मौत हो गई। मौत के कहर के बाद सरकार जागी। पूरे प्रदेश में स्कूल बसों की चेकिंग अभियान प्रारंभ हुआ। सरकार भी जब तक हादसा नहीं होता, सोई रहती है और हादसों के बाद जागती है और गाइडलाइन जारी करने के बाद फिर सो जाती है।

कमजोर कलेक्टर

हादसे से याद आया, दमोह में भी हादसा हुआ। कलेक्टर ने शिक्षा सुधार का संकल्प लिया। जिन स्कूलों का परीक्षा परिणाम 30% से कम आया, निर्णय लिया, उन स्कूलों के शिक्षकों को देनी होगी परीक्षा। लेकिन शिक्षकों की आज़ादी के लिए लड़ने वाले आज़ाद, कामचोर, खलनायक शिक्षक संघ को शिक्षकों के परीक्षा देने पर फिर आपत्ति है। ज्ञापन देने वाले, आपत्ति करने वाले शिक्षक न खुद सुधरते हैं, न परीक्षा परिणाम सुधरने देते हैं।

नाइट्रोजन का कलंक

जीरापुर में वैवाहिक समारोह के दौरान दूल्हा-दुल्हन को स्वर्ग के जैसे धुएं के बीच मंच पर आना था, लेकिन मंच पर आने से पहले नाइट्रोजन के कंटेनर में गिरने से एक बच्ची की मौत हो गई। हादसे ने खुशियों को धुआं-धुआं कर दिया। कुल मिलाकर इस सप्ताह आंधी भी आई और चली गई, किसी शायर ने कहा है,

दिए बुझाती आंधी शोलों को भड़काती है।

आंधी को भी दुनिया दारी आती है।

यार सियासत की गलियों में मत जाना,

नागिन अपने बच्चों को खा जाती है।

✒ लेखक हरीश मिश्र स्वतंत्र पत्रकार हैं। 

विनम्र अनुरोध कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें।

मध्य प्रदेश से संबंधित महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में Madhyapradesh पर क्लिक करें। समाचार, विज्ञापन एवं प्रतिनिधित्व पूछताछ के लिए व्हाट्सएप, टेलीग्राम ईमेल के माध्यम से संपर्क करें।





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *