मंत्री विजय शाह के खिलाफ दर्ज FIR से MP हाई कोर्ट खफा: कहा- करतूतों का जिक्र ही नहीं, HC का सरकार को आदेश- बिना किसी हस्तक्षेप और दबाव के आगे बढ़े जांच
कुमार इंदर, जबलपुर। ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी मीडिया से साझा करने वाली भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विजय शाह के बयान को लेकर राजनीति तेज है। इस बीच जबलपुर हाईकोर्ट में मामले को लेकर सुनवाई हुई। कोर्ट ने मंत्री के खिलाफ FIR में हुई देरी पर भी एतराज जताया। हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि 4 घंटों में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे, फिर भी 7-8 घंटे लग गए। माननीय कोर्ट ने कहा कि यह कोई हत्या या अंधी हत्या का मामला नहीं है जिसकी जांच होगी। जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की डबल बेंच में पूरे मामले पर सुनवाई हुई।
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इस दौरान महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के पालन में FIR दर्ज कर ली गई है। सरकार के जवाब और FIR की ड्राफ्टिंग पर अदालत ने एतराज जताया है। कोर्ट ने कहा कि FIR इस तरीके से ड्राफ्ट की गई है, जिसमे अभियुक्त की करतूतों का ज़िक्र ही नहीं है। FIR को अगर चुनौती दी गई तो आसानी से रद्द हो सकती है। दर्ज एफआईआर अदालत के विश्वास पर खरी नहीं उतरती है। हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश देते हुए FIR में सुधार किए जाने लिए कहा है। साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि बिना किसी हस्तक्षेप और दबाव के FIR और जांच को आगे बढ़ाया जाए। वेकेशन के बाद मामले की सुनवाई टॉप ऑफ द लिस्ट होगी।
क्या है मंत्री का बयान?
शाह ने इंदौर जिले में ग्रामीण क्षेत्र में सोमवार को एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान विवादास्पद बयान दिया था। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सशस्त्र बलों के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की ओर स्पष्ट इशारा करते हुए कहा था, ‘‘जिन्होंने (आतंकवादियों ने) हमारी बेटियों के सिंदूर उजाड़े थे, हमने उन्हीं कटे-पिटे लोगों की बहन भेजकर उनकी ऐसी की तैसी कराई।”
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