‘नेहरू जी के कारण हारे 62 का युद्ध’, उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह बोले- सेना और देश नहीं नेतृत्व करने वाले हुए थे पराजित, कांग्रेस ने किया पलटवार    


राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कांग्रेस की ‘इंदिरा तेरी फिर याद आई’ यात्रा को लेकर निशाना साधा है। परमार ने सन 62 के युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि नेहरू जी के कारण 1962 के युद्ध में भारत को पराजय का सामना करना पड़ा था। मंत्री ने कहा कि उस समय सेना और देश पराजित नहीं हुआ, बल्कि नेतृत्व करने वाले पराजित हुए थे। 

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परमार ने कहा कि 1962 का युद्ध सेना हारी नहीं थी, 62 के युद्ध में यदि उस समय के प्रधानमंत्री फैसला लेते और एयर फोर्स को उतार देते तो हमारी जीत होती। उन्होंने कहा कि हमारे पास एयर फोर्स थी, जबकि चीन के पास एयर फोर्स नहीं थी। उस समय भारत पर जो कलंक लगा, वह कलंक नहीं लगता। नेतृत्व करने वाले को पहल करना चाहिए कि विजय श्री की और कैसे बढ़ें।  नेहरू जी से गलती हुई उसका परिणाम यह रहा कि देश और देश पर कलंक लगा कि हम पराजित हुए। जबकि सेना और देश पराजित नहीं हुआ, नेतृत्व करने वाले पराजित हुए थे। जब-जब ऐसा दौर आता है नेतृत्व को निर्णय लेना चाहिए। 1971 में सेना का पुरस्वार्थ था आज भी सेना का पुरस्वार्थ है। 

उच्च शिक्षा मंत्री के बयान पर कांग्रेस का पलटवार

उच्च शिक्षा मंत्री परमार के के बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया है। पूर्व कानून मंत्री पीसी शर्मा ने बयान जारी करते हुए कहा कि चीन ने पेट में छुरा घोंपा था इंदिरा जी के नेतृत्व में सेना लाहौर पहुंच गई थी। ऐसा नेतृत्व रहा है, और आज स्थिति यह है कि पहले कहा सेना स्वतंत्र है और ऑपरेशन सिंदूर रोकने के लिए बीच में हस्तक्षेप कर दिया गया। शर्मा ने कहा कि आज देश जानना चाहता है कि अमेरिका के कहने पर ऑपरेशन सिंदूर क्यों रोका गया ? पहलगाम के आतंकी कहां हैं ? बीजेपी सरकार को इसका जवाब देना चाहिए। 

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