जिंदा लोगों को रिकॉर्ड में बताया मुर्दा: कंप्यूटर ऑपरेटर और CMO ने किया करोड़ों का घोटाला, राजनीतिक रसूखदारों के मिलीभगत के आरोप


धर्मेंद्र ओझा, भिंड. जिले से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां जिंदा लोगों को मुर्दा बताकर नगर परिषद के सीएमओ प्रभारी और कंप्यूटर ऑपरेटर ने करोड़ों रुपये निकाल लिए. 15 महीने से फरार चले आरोपी को सीएमओ प्रभारी गिरफ्तार कर लिया गया है. जिसे कोर्ट ने चार दिनों के लिए पुलिस रिमांड भेजा है.

यह मामला आलमपुर नगर परिषद का है. जहां कोरोना काल के समय सीएमओ प्रभारी शिव शंकर जाटव और कंप्यूटर ऑपरेटर ने करोड़ों रुपये का कोरोना काल के समय फर्जी तरीके से भुगतान किया था. उन्होंने जिंदा लोगों का मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर पैसा निकाल लिया था. जबकि जिनके प्रमाण पत्र बनाए गए, वह आज भी जिंदा हैं. दोनों ने मिलकर आवास के नाम पर फर्जी तरीके से सैकड़ों लोगों के पैसा निकाला. वहीं फर्जी तरीके से शादी के नाम पर पैसा निकालकर भुगतान भी किया गया.

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जबकि, जिनके नाम से पैसे निकाले गए थे, उसकी पहले ही शादी हो चुकी थी. मामले की कोरोना काल से लेकर अब तक जांच चल रही थी, जिसमें करोड़ों का भ्रष्टाचार निकालकर सामने आया. लगभग 15 माह पहले सीएमओ प्रभारी और कंप्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ आलमपुर नगर परिषद के लोगों ने संबंधित अधिकारियों को आवेदन देकर एफआईआर करने की मांग की थी, जिसमें संबंधित अधिकारियों ने जांच कर दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

डेढ़ करोड़ रुपये का घोटाला

मामला दर्ज होने के बाद दोनों फरार हो गए थे. बाद में पुलिस ने कंप्यूटर ऑपरेटर को धर दबोचा. हाल ही में पुलिस ने सीएमओ प्रभारी को भी गिरफ्तार कर लिया है, जिसे कोर्ट ने चार दिनों के लिए पुलिस रिमांड भेजा है. इस मामले मे वर्तमान सीएमओ प्रमोद बरुआ ने कहा कि कोरोना काल के समय दो लोगों ने मिलकर लगभग डेढ़ करोड़ रुपये का घोटाला किया है. उसी को लेकर पुलिस ने जो दस्तावेज हमसे मांगे थे वह हमने पुलिस को उपलब्ध करा दिया है. अगर पुलिस इस मामले में और भी कोई सबूत मांगा जाता है तो तत्काल मदद की जाएगी.

इस मामले में काफी लोग शामिल हैं- आरोपी

आलमपुर थाना प्रभारी रवि उपाध्याय ने बताया कि आरोपी को चार दिन की रिमांड पर रखा गया है और उससे लगातार पूछताछ जारी है. इधर, जब आरोपी शिव शंकर जाटव से बात हुई, तो उसने कहा कि जब हम जेल जाएंगे तो एक बस में ले जाएंगे, क्योंकि इस मामले में काफी लोग शामिल हैं और राजनीतिक रसूखदार के चलते यह सब कुछ किया गया है.

अब देखना यह होगा इस मामले में किन नेताओं के इशारे पर आलमपुर नगर परिषद में करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया. क्या इस मामले को पुलिस छुपाने का काम करेगी या नेताओं के खिलाफ ठोस कार्रवाई करेंगी?

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