मठ पुनरुत्थान के लिए संतों की धर्मसभाः 21 सदस्यीय नई समिति गठित, पूर्व मठाधीशों ने भू-माफियाओं के साथ मिलकर बेच दी जमीन, 7 हजार में से बची मात्र 270 एकड़


अखिलेश बिल्लौरे, हरदा। जिले के गोंदागांव स्थित गंगेश्वरी मठ के पुनरुत्थान के लिए शनिवार को धर्मसभा हुई। नर्मदा किनारे त्रिवेणी संगम पर स्थित इस प्राचीन मठ की धर्मसभा में सैकड़ों लोग शामिल हुए। मठ के गौरव, कीर्ति एवं सम्मान वापस जस का तस और वहां की स्थिति को सुव्यवस्थित करने के लिए अब कदम उठाए जा रहे हैं। मठ पुनरुत्थान समिति के सचिव सुजीत शर्मा ने बताया कि मठ के नाम पर लगभग 7 हजार एकड़ जमीन थी। पूर्व मठाधीशों ने भूमाफिया के साथ मिलकर जमीन बेच दी। अब 270 एकड़ जमीन बची है।

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मठ के संरक्षण के लिए 21 सदस्यीय नई समिति गठित की गई है। समिति मठ में गौशाला, नर्मदा परिक्रमा यात्रियों के लिए ठहरने की व्यवस्था और सदाव्रत जैसी निशुल्क सुविधाएं उपलब्ध कराएगी। एसडीएम महेश बड़ोले ने स्पष्ट किया कि मठ के पूर्व मठाधीश और वर्तमान समिति के बीच कोई विवाद नहीं है। मठाधीश ने ही समिति गठन का आवेदन दिया था।

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होल्कर स्टेट द्वारा साधुओं को दिया गया

बता दें कि गोंदागांव गंगेश्वरी मठ 1740 ईसवीं के आसपास होल्कर स्टेट द्वारा साधुओं को दिया गया था। यह जागीरदारी मठ है जहां पहले कचहरी लगा करती और फैसले होते थे। मठ की जमीन को देखकर कुछ असामाजिक लोगों ने अवैध समिति बना दी गई है। बायलॉज में भी लिखा है कि इस समिति के सदस्य सिर्फ साधु संत ही बनेंगे।

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