‘आतंकवाद का धर्म सिर्फ इस्लाम’, शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद बोले- पहलगाम मामले में इजराइल जैसी हो कार्रवाई 


कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ग्वालियर पहुंचे। ज्योतिर्लिंग केदारनाथ और बद्रीनाथ के कपाट खुलवाने जा रहे जगतगुरु शंकराचार्य ने रामबाग कॉलोनी स्थित मंशापूर्ण हनुमान मंदिर में दर्शन के बाद प्रेस वार्ता के जरिए आतंकवाद का धर्म सिर्फ और सिर्फ इस्लाम बताया। शंकराचार्य ने पहलगाम आतंकी हमले ,औरंगज़ेब, बागेश्वर पीठाधीश्वर द्वारा बसाई जा रहे हिंदू गांव शायद अन्य मुद्दों पर अपनी बात रखी।

आतंकवाद का धर्म सिर्फ इस्लाम 

धर्म पूछ कर हिंदुओं का नरसंहार किए जाने वाले पहलगाम आतंकी हमले पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि अभी तक देखा जाता रहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नजर नहीं आता था। लेकिन इस घटना के बाद अब स्पष्ट हो चुका है कि आतंकवाद का सिर्फ एक ही धर्म है वो इस्लाम हैं। यदि ऐसा नहीं है तो अभी तक मुस्लिम नेताओं और धर्म गुरुओं को सामने आना चाहिए था। ऐसे आतंकी मुसलमानों का बहिष्कार करने के बयान सामने आने चाहिए थे। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है इससे स्पष्ट हो गया है कि आतंक का धर्म सिर्फ इस्लाम है।

ऐसे आतंकी हमले आगे भी होते रहेंगे,जब तक सरकार नही उठाएगी कदम

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने पहलगाम आतंकी घटना के बाद केंद्र और प्रदेश सरकार पर निशाना भी साधा है। उन्होंने कहा है कि घटना के बाद से लगातार कहां जा रहा है कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ है। लेकिन भारत के पास क्या सबूत है इसके यह अभी तक साफ नहीं किया गया है। इस तरह की घटनाएं हो जाती हैं और अभी तक जिम्मेदारी तय नहीं हो पाई है कि कहां लापरवाही हुई। इस घटना में बड़ा इंटेलिजेंस फैलियर हुआ है और इस मामले में जब तक कोई ठोस कड़ी कार्रवाई नहीं की जाएगी तब तक इस तरह के आतंकी हमले आगे भी होते रहेंगे।

इजराइल की तरह लेना होगा बदला

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने केंद्र सरकार द्वारा पाकिस्तान पर लिए गए सख्त एक्शन को लेकर कहा कि केंद्र सरकार चाहे पाकिस्तान को लेकर 1000 बड़े फैसले लेले। लेकिन जब तक 26 जानों को लेने वालों का नाम सामने नहीं आता तब तक इसका कोई मतलब नहीं है। आज जरूरत है कि हमें इजरायल की तरह कड़ा रुख अपनाना होगा। चार लोगों को फिलीस्तीन ने बंधक बना लिया था। इसराइल ने उनसे कहा था कि उन्हें छोड़ दीजिए। लेकिन उन्होंने उनका गला रेत कर हत्या कर दी। इसके बाद इजरायल ने अब तक उनके 15 लाख लोगों को मार दिया है। गाजा पट्टी पर आज भी गोलीबारी जारी है। उनके तो सिर्फ चार गए थे हमारे तो 26 गए हैं उनके लिए आप सिर्फ चार फैसले लेकर पीछे नहीं हट सकते हैं। जब धर्म पूछ कर हिंदुओं की हत्या की जा रही है तो अब धर्माचार्य होने के नाते हमें चिंता भी सता रही है। ऐसे हालात को देखते हुए अब हमें हिंदुओं को ट्रेंड करना होगा उन्हें जरूरत पड़ेगी तो शस्त्र उठाने के लिए भी सिखाना होगा। अब जम्हूरियत खत्म हो चुकी है अब सरकार से कोई उम्मीद नहीं है। लोकतंत्र पर हम विश्वास करके बैठे थे कि हमारी रक्षा होगी। कश्मीर और केंद्र सरकार दोनों ही असफल हुई है। हर आदमी को अपनी आत्मरक्षा करने का अधिकार है इसके लिए अब हम उन्हें ट्रेंड जरूर करेंगे। अब हिंदू को जरूरत पड़ेगी तो वह शस्त्र भी धारण करेगा।

शरबत जिहाद-हलाल है, हिन्दू सतर्क रहे

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने शरबत जिहाद वाले मामले को लेकर भी बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि जो चीज मुसलमान के उपयोग योग्य होती है उसे हलाल कहा जाता है। उनके धर्म में दो शब्द चलते हैं हलाल और हराम। मुसलमान ने दक्षिण भारत के चेन्नई कोर्ट में एफिडेविट दिया है उसमें उन्होंने स्वीकार किया है कि जब तक हम किसी बनी हुई चीज में थूक नहीं देते हैं। अपने शरीर का जब तक कोई अंश उसमें मिला नहीं देते हैं तब तक वह हमारे उपयोग योग्य नहीं होता है। उन्होंने अपने एफिडेविट पर यह कहा है ऐसी स्थिति में हम बचपन से सुनते थे कि मुसलमान के यहां पानी नहीं पीना। लेकिन आज एफिडेविट के बाद यह सच साबित हुआ है। ऐसे में यदि धर्म बचाना है तो अपने आंखों के सामने बना हुआ ही खाना होगा। पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर सहित अन्य खाद्य सामान से दूरी बनानी चाहिए। मेरा तो अपने हर शिष्य से यही कहना है कि तिलक चोटी और घर की रोटी यही सही है। तभी आप शुद्ध रह सकते हो।

औरंगजेब की कब्र हटा दो लेकिन इस काम के बाद वह चर्चाओं से फिर जिंदा हो जाएगा

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने औरंगजेब की कब्र हटाने के मामले पर भी अपना बयान दिया है। उनका कहना है कि शास्त्र कहता है कि जब तक मृत्यु नहीं होती है तब तक बैर रहता है। लेकिन जब व्यक्ति मर गया वह हमारा शत्रु भी है तो उससे शत्रुता खत्म हो जाती है। आपका क्रिमिनल केस भी तब तक चलता है जब तक आप जीवित हो। जब मर जाते हो तो वह कैसे भी खत्म हो जाता है। यदि हमारा औरंगजेब से कोई बैर था तो उसके मरने के बाद अब कैसा बेर, अब उसकी कब्र से कैसा बैर। आज यदि हम उसकी कब्र हटा देंगे तो उसके बाद इतिहास बन जाएगा कि उसकी कब्र तब और उन लोगों ने हटाई थी। वह इतिहास के माध्यम से जिंदा बना रहेगा। इसलिए उसकी उपेक्षा करो,ताकि उसकी कब्र कहाँ है कोई नहीं बता सके,तभी आपकी सफलता है। आज उसकी कब्र की इतनी चर्चा कर दी गई है कि देश का हर एक व्यक्ति जानता है कि औरंगजेब की कब्र कहां पर है। जो लोग उसका महिमामंडन कर रहे हैं जिन्होंने उसको महान बताया है वह तो कहते ही रहेंगे। इतिहास हम सिर्फ सीखने के लिए पढ़ते हैं इतिहास को ढोते नहीं है इतिहास यह बताता है कि क्या सही हुआ क्या गलत हुआ।हमको आज उससे सीख लेकर क्या करना चाहिए इसके लिए इतिहास होता है। इतिहास आज के जीवन को बर्बाद करने के लिए नहीं पढ़ा जाता है।

अखिलेश यादव पर साधा निशाना 

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सपा चीफ अखिलेश यादव के गोबर से बदबू आने वाले बयान को लेकर उन्होंने कहा कि गाय के गोबर से यदि उन्हें बदबू आ रही है,तो वह भूल गए है कि उनका जन्म उस कुल में हुआ है जहां परंपरा के तहत गौ सेवा होती रही है। उनके इस बयान से वह लजा नहीं रहे हैं बल्कि उनकी पूरी परंपरा लजा रही है।

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