नर्मदा के 871 घाटों में 94 फीसदी असुरक्षितः संकेतक, बहाव और गहराई के दिशा निर्देश के बोर्ड तक नहीं, नीति विश्लेषण संस्थान की रिपोर्ट में खुलासा


शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्यप्रदेश की जीवन रेखा मां नर्मदा नदी को लेकर अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान की चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। संस्थान की रिपोर्ट के अनुसार नर्मदा नदी के 871 घाटों में 94 फीसदी असुरक्षित है। 671 घाटों पर आरती तक संभव नहीं है। वहीं 96 फीसदी घाट तीर्थ यात्रियों के लिए असुरक्षित है।

रसायनिक खेती के चलते निर्मल जल प्रदूषित

रिपोर्ट में बताया गया है कि नर्मदा नदी में संकेतक, बहाव और गहराई के दिशा निर्देश के बोर्ड तक नहीं है। 72 फीसदी घाटों में रसायनिक खेती के चलते निर्मल जल प्रदूषित हुआ है। 11 प्रतिशत घाटों पर महिलाओं के लिए वस्त्र बदलने की व्यवस्था तक नहीं है। 22 फीसदी घाटों पर शौचालय नहीं है। रिपोर्ट में बताया गया कि निर्देशों का भी पालन नहीं किया गया। 284 प्रमुख और बड़े घाटों पर धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व की पहचान तक नहीं है।

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राज्य-स्तरीय क्रियाओं को एकीकृत करने के महत्व पर जोर

अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान और एमपीसीओएसटी, भोपाल भारत की प्रतिबद्धता में राज्यों का योगदान” रिपोर्ट जलवायु परिवर्तन से निपटने और देश के एनडीसी और एसडीजी के साथ अपने प्रयासों को संरेखित करने में राज्यों की भूमिका पर प्रकाश डालती है। यह राष्ट्रीय और वैश्विक जलवायु क्रियाओं के साथ राज्य-स्तरीय क्रियाओं को एकीकृत करने के महत्व पर जोर देता है।

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