बूंद-बूंद पानी को तरसते ग्रामीण: कोयले से काली पड़ी नदी, सूखे पड़े कुएं…हैंडपंप से पानी के नाम पर निकल रही हवा


अजयारविंद नामदेव, शहडोल। आदिवासी बाहुल्य शहड़ोल जिले के विचारपुर में स्थापित अल्ट्राटेक प्राइवेट कोयला कंपनी के चलते आस-पास के क्षेत्र का वाटर लेवल न सिर्फ कम हो गया है। बल्कि ग्रामीणों के जीवन दायिनी मुडना नदी कोयले के पानी से काली हो गई है। जिससे ग्रामीणों की खेती प्रभावित हो रही है। साथ ही पानी को तरस रहे कुआं खुद पानी की पुकार लगा रहे हैं। ग्रामीणों के लिए इस भीषण गर्मी में पानी  मुसीबत का सबब बना हुआ है। पानी को तरस रहे ग्रामीणों के सूखे कंठ से प्रशासन से मदद की गुहार भी बेअसर हो रही है।

खनिज संपदा से परिपूर्ण आदिवासी बाहुल्य शहडोल जिले में कई बड़े उद्योग स्थापित हैं। जो शहड़ोल के लोगो के लिए मुसीबत का सबब बने हुए हैं। जिला मुख्यालय से महज 10 किलो मीटर पर स्थित विचारपुर में अल्ट्राटेक कोल माइंस में कोयला उत्पादन के दौरान हो रही हैवी ब्लेस्टिंग से ग्रामीणों के कच्चे मकान दरक रहे हैं। यही नहीं, क्षेत्र का  जल स्तर (वाटर लेवल) अत्यधिक नीचे चला गया है। इससे आसपास के गांव में स्थित कुएं और हैंडपंप में पानी की कमी हो गई है। कई कुएं सुख गए हैं। कोयला उत्पादन के दौरान कंपनी से मुड़ना नदी में छोड़ा जाने वाला कोयला युक्त काले पानी से नदी काली हो गई है।  जिससे किसानों के खेती पर सीधा असर पड़ा है। 

मवेशियों को भी यही कोयला युक्त दूषित पानी पीना पड़ रहा है। ग्रामीणो की समस्या यहीं खत्म नही होती। इस भीषण गर्मी में हैंडपंप पानी की जगह हवा फेंक रहे हैं। आलम यह है कि  ग्रामीणों को पानी के लिए रोजाना जद्दोजहद करनी पड़ रही है।

ग्रामीणों का आरोप है कि जब से उनके गांव में अल्ट्राटेक कंपनी संचालित हुई है, तब से क्षेत्र का वाटर लेवल डाउन हो गया है। जिसके चलते आसपास के गांव के कुएं, हैंडपंप सूख गए हैं। साथ ही नदी भी दूषित हो गई है। जिससे ग्रामीणो को पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है। अपनी इस समस्या को लेकर ग्रामीणो ने कई बार  शहडोल संभागीय जिला मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकरियों से अपनी इस पानी की समस्या को लेकर शिकायत कर चुके हैं । यहांतक राजधानी भोपाल तक इसकी शिकायत पहुंचाई जा चुकी है। लेकिन उनकी समस्या का आज तक कोई समाधान नहीं हो सका है।  

 इस पूरे मामले में अल्ट्राटेक कंपनी के जिम्मेदारों से इस संबंध में चर्चा की गई तो उन्होंने अपने जिम्मेदारी से मुंह मोड़ते हुए कैमरे के सामने कुछ भी कहने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि आप स्वतंत्र हैं। आपको दिखाना हो तो आप दिखाते रहें।  

शहडोल कमिश्नर व प्रदूषण विभाग के वैज्ञानिक का कहना है कि कंपनी से नदी में काला पानी छोड़ने की जानकारी के बाद पानी का सेंपल लिया है। जिसे जांच के लिए भेजा गया है। जांच रिपोर्ट के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी। 

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