धनकुबेर सौरभ शर्मा की बढ़ी न्यायायिक हिरासत, साथी चेतन और शरद भी 11 अप्रैल तक जेल में काटेंगे रात, वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई पेशी


शब्बीर अहमद, भोपाल। आरटीओ (RTO) के करोड़पति पूर्व आरक्षक (Former Constable) सौरभ शर्मा (Saurabh Sharma) की न्यायायिक हिरासत (Judicial custody) 11 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है। साथ ही उसके दोनों साथियों चेतन गौर (Chetan gaur) और शरद जायसवाल (Sharad Jaiswal) को भी 11 तारीख तक जेल में ही रहना पड़ेगा। 

वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हुई पेशी 

बता दें कि तीनों आरोपी भोपाल की सेन्ट्रल जेल में बंद हैं। आज शनिवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए भोपाल जिला न्यायालय में तीनों आरोपियों की पेशी हुई। इस दौरान कोर्ट ने 11 अप्रैल तक तीनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में रखे जाने के आदेश जारी किए।

ऐसे हुई थी गिरफ्तारी

बता दें कि सौरभ शर्मा 28 जनवरी (सोमवार) को कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचा था, लेकिन आवेदन के बाद अदालत ने जांच एजेंसी से डायरी मंगवाई थी। जिसके बाद उसे अगले दिन आने के लिए कहा, वकील के मुताबिक, सुबह 11 बजे जैसे ही सौरभ कोर्ट जा रहा था। लोकायुक्त ने उसे बाहर से ही गिरफ्तार कर लिया और लोकायुक्त ऑफिस ले गई. जहां उससे 5 घंटे तक पूछताछ की गई। उसकी निशानदेही पर उसके साथी चेतन गौर को भी हिरासत में लिया गया।

18 दिसंबर को लोकायुक्त का छापा, IT ने बरामद किया था सोना और कैश

गौरतलब है कि 18 दिसंबर को लोकायुक्त ने राजधानी भोपाल में सौरभ शर्मा के घर छापामार कार्रवाई की थी। वहीं 19 दिसंबर को मेंडोरी गांव के कुछ लोगों ने पुलिस को खाली प्लॉट पर खड़ी एक लावारिस क्रिस्टा गाड़ी के होने की सूचना दी थी, जिसमें 6 से 7 बैग रखे हुए थे।

52 किलो सोना और 10 करोड़ कैश मिलने के बाद शुरू हुई जांच

कैश का अंदेशा होने की वजह से आयकर विभाग को सूचित किया गया था, जिसके बाद IT की टीम ने कांच तोड़कर अंदर से बैग बाहर निकला। जिसमें 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये कैश बरामद किया गया था। जिसके बाद से लोकायुक्त के बाद ED और IT भी सक्रिय हो गई।

27 दिसंबर को ED ने कई ठिकानों पर मारा छापा, 6 करोड़ से अधिक की FD बरामद

27 दिसंबर को जांच एजेंसियों ने सौरभ शर्मा के रिश्तेदारों और सहयोगियों के भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर स्थित आवास में जांच एजेंसियों ने छापामार कार्रवाई की। इस दौरान अलग-अलग ठिकानों पर सर्चिंग के दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए। वहीं सौरभ के सहयोगी चेतन सिंह गौर के नाम पर 6 करोड़ रुपये से अधिक की FD मिली थी। परिवार के सदस्यों और कंपनियों के नाम पर 4 करोड़ रुपये से अधिक का बैंक बैलेंस भी मिला। 23 करोड़ रुपये से अधिक की अचल संपत्ति से संबंधित दस्तावेज पाए गए और उन्हें जब्त कर लिया गया।

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