220 BNS – अवैध तरीके से नीलामी में बोली लगाना या खरीदना, कौन सी धारा, कितनी सजा, जानिए
भारत में सरकार द्वारा किसी संपत्ति को विक्रय किया जाता है, तो उसकी बिक्री सार्वजनिक की जाती है, जिसे कानूनी भाषा में नीलामी कहते हैं। नीलामी किसी भी चल या अचल संपत्ति की हो सकती है, जैसे कि सरकारी दुकानों की, लीज पर भूमि की या किसी भी संसाधनों की। लेकिन जो व्यक्ति इन संपत्तियों को खरीदेगा, उस व्यक्ति को शासन की शर्तों का पालन करना होता है, जैसे कि खरीदने वाला कोई व्यक्ति शासकीय सेवक न हो, किसी अपराध का दोषी न हो, उसके खिलाफ किसी प्रकार का आपराधिक मामला दर्ज न हो इत्यादि। अगर कोई व्यक्ति शासन की शर्तों का उल्लंघन करके अवैध तरीके से नीलामी में भाग ले लेता है, तब उसके खिलाफ क्या कानूनी कार्यवाही हो सकती है।
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 220 की परिभाषा
जो कोई व्यक्ति विधिक रूप से लोक सेवक द्वारा की जा रही नीलामी में अवैध रूप से बोली लगाएगा या भाग लेगा या अवैध तरीके से नीलामी की किसी संपत्ति को खरीदेगा, तब उस व्यक्ति के खिलाफ BNS की धारा 220 के अंतर्गत मामला दर्ज होगा।
Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023 Section 220 – Provision of Punishment
यह अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं, अर्थात पुलिस थाने में इस अपराध के खिलाफ सीधे एफआईआर दर्ज नहीं होगी, लेकिन पुलिस थाने से एनसीआर लिखी जा सकती है एवं इस अपराध के लिए कोई भी न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष परिवाद (शिकायत) भी दर्ज करवाया जा सकता है। इस अपराध की सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जाती है एवं यह अपराध समझौता योग्य नहीं होता है। इस अपराध के लिए एक माह का कारावास या दो सौ रुपये जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। लेखकबी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर – यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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