मऊगंज का गुनहगार कौन…? ASI को मार डाला, प्रशासनिक टीम को बनाया बंधक, क्यों और कैसे शुरू हुआ विवाद ? जानें खूनी खेल की पूरी कहानी

रीवा। मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले में होली के दूसरे दिन शनिवार की शाम खूनी खेल हो गया। पुरानी रंजिश के चलते एक परिवार ने गांव के ही युवक को घर पर बंधक बना लिया। घटना की सूचना पर पुलिस, एसडीओपी, तहसीलदार और थाना प्रभारी युवक को छुड़ाने गए तो ग्रामीणों ने हमला कर दिया। सभी की जमकर पिटाई की, प्रशासनिक अधिकारियों पर पत्थर बरसाए, पुलिसकर्मियों को घसीट घसीट कर पीटा। इस घटना में एक ASI की मौत हो गई, जबकि तहसीलदार, टीआई, एएसआई सहित कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। यह विवाद क्यों और कैसे हुआ आइए जानते है…
ऐसे उपजा विवाद
बताया गया कि मऊगंज के गडरा गांव के निवासी द्विवेदी परिवार ने अशोक कोल को अपनी जमीन बेंची थीं। जिसके कुछ पैसे भी बकाया थे। दो माह पहले मऊगंज में अशोक आदिवासी की बाइक से एक्सिडेंट हुआ था और बाईक एक भैंस से टकरा गई थीं। जिसमें अशोक आदिवासी की मौत हो गई थीं। पुलिस ने मर्ग कायम कर शव का पीएम करवाया था। पीएम रिपोर्ट में एक्सीडेंट से मौत होना पाया गया था, लेकिन मृतक अशोक आदिवासी के परिजनों द्विवेदी परिवार के बेटे सनी द्विवेदी पर सुनियोजित तरीके से हत्या करने का आरोप लगाया था। जिसके बाद मामले पर पुलिस के अधिकारियों ने एडिशनल एसपी रैंक के आधिकारी से जांच करवाई थी। जांच के बाद पाया गया की एक्सीडेंट के कारण ही अशोक कोल की मौत हुई थी।
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युवक को बंधक बनाकर हत्या करने का आरोप
इसके बाद शनिवार को होली के ठीक दूसरे दिन दोपहर के वक्त सनी द्विवेदी उसी अशोक आदिवासी परिवार की दुकान पर समान लेने गया था, जिसकी मौत का आरोप परिजनों ने सनी द्विवेदी पर लगाया था। इसी बीच आदिवासी परिवार के लोगों ने सनी को किराने की दुकान पर ही बंधक बना लिया। इसकी सूचना सनी के परिजनों को हुई तो वह आदिवासी परिवार से बातचीत करने पहुंचे। तभी आदिवासी परिवार के लोगों ने भगा दिया। इसके बाद परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर तहसीलदार कुमरे लाल पनिका, एसडीओपी अंकिता सूल्या, शाहपुर थाना प्रभारी संदीप भारतीय, दो एएसआई सहित अन्य पुलिसकर्मी पहुंचे।
SDOP तहसीलदार को बनाया बंधक, पुलिसकर्मियों पर भांजी लाठी-बरसाए पत्थर
एसडीओपी अंकिता सूल्या बंधक बने युवक सनी द्विवेदी को छुड़ाने के लिए दुकान के अंदर प्रवेश गए और समझाइश दी। तभी देखा कि सनी द्विवेदी मृत अवस्था में पड़ा हुआ था। पुलिस के मुताबिक सनी को बंधक बनाकर उसकी बेरहमी से पिटाई की गई, जिससे उसकी मौत हो गई थीं। इसके बाद पुलिस ने मौके से 5 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। जिसके बाद आदिवासी परिवार के लोग उग्र हो गए और गांव के सैकड़ों आदिवासी एकत्रित हो गए। इस दौरान एसडीओपी अंकिता सूल्या को भी आरोपियों ने उसी कमरे में कैद कर लिया, जहां पर सनी द्विवेदी को बंधक बनाया गया था।
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एक ASI की मौत, कई घायल
एसडीओपी अंकिता सूल्या की भी कमरे में कैद कर पिटाई की गई। इस दौरान तहसीलदार कुमरे लाल पनिका और शाहपुर थाना प्रभारी संदीप भारतीय सहित, एएसआई रामचरण गौतम, एएसआई बृहस्पति पटेल, पुलिसकर्मी अनंत मिश्रा, जवाहर सिंह यादव सहित अन्य पर पत्थरबाजी की। लाठी और डंडे से गांव वालों ने दौड़ा दौड़ा कर पीटा। पत्थरबाजी की घटना में एएसआई रामचरण गौतम की दर्दनाक मौत हो गई। जानकारी मिलते ही तत्काल पुलिस फोर्स पहुंची और बंधक बने प्रशासनिक अधिकारियों को मुक्त करवाया, गंभीर रूप से घायल तहसीलदार, एसडीओपी और पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया।
पुलिस का एक्शन
मऊगंज कलेक्टर अजय श्रीवास्तव, एसपी रसना ठाकुर दल बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। सूचना मिलते ही मौके पर डीआईजी साकेत प्रकाश पाण्डेय भी पहुंचे और स्थिति को काबू किया। देर रात पूरा गडरा गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। इसके बाद रात करीब 12 बजे पुलिस एक्शन मोड में आई। एक-एक कर सभी घरों की तलाशी शुरू की और घरों में छिपकर बैठे पत्थरबाज आरोपियों को बाहर निकाला। सैकड़ों लोगों से सख्ती के साथ पूछताछ की गई। तीन लोगों को हिरासत में लिया और पुलिस अपने साथ थाने ले गई।
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पिता की हत्या के आशंका पर युवक को बंधक बनाकर पीटा, मौत
इस पूरे मामले पर डीआईजी साकेत प्रकाश पाण्डेय ने बताया कि घटनाक्रम के बाद गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। गडरा गांव में लगभग 1500 है, जिसमें से 700 के करीब साकेत परिवार के और 300 अरिवासी समाज और 350 ब्राम्हण समाज के लोग है। आदिवासी परिवार को गलतफहमी थी कि दो माह पूर्व उनके पिता अशोक कोल की हत्या की गई है। घटना की जांच एडिशनल एसपी के द्वारा की गई थीं। जिसमें एक्सीडेंट से मौत होना पाया गया था। शनिवार की दोपहर सनी द्विवेदी मृतक अशोक आदिवासी के परिवर के यहां दुकान (घर) पर समान लेने गया था, तभी उसे पकड़ लिया और बंधक बना लिया।
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी घायल
घटना के बाद सनी के परिजन बातचीत करने आए थे, लेकिन उन्हें भगा दिया गया और सनी की बेरहमी से हत्या कर दी गई। पुलिस और तहसीलदार के पहुंचते ही भीड़ ने पथराव कर दिया और एडीओपी को भी बंधक बना लिया। इतना ही नहीं भीड़ ने बाइक में तोड़ फोड़ की। इस हमले में एक एएसआई की दर्दनाक मौत हो गई। जबकि तहसीलदार, एसडीओपी सहित थाना प्रभारी समेत करीब 10 पुलिसकर्मियों को चोटें आई है। जिसमें तहसीलदार और 4 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे है। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां सभी का इलाज जारी है। फिलहाल गडरा गांव में स्थिति काबू में है, मौके पर पुलिस बल तैनात है।
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