MP की निकम्मी पुलिस: ड्रग्स माफिया को होटल में रखा, फिर 22 लाख लेकर कर दिया आजाद, जानिए कैसे खुली पुलिस की काली करतूत की पोल?


हेमंत शर्मा, इंदौर. मध्य प्रदेश के इंदौर से एक ऐसा मामला सामने आया है, जो कि पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है. दरअसल, तेजाजी नगर पुलिस ने जिस ड्रग्स सप्लायर को पकड़ा था, उसने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. तीन महीने पहले विजयनगर थाना पुलिस ने ड्रग्स सप्लाई के मुख्य आरोपी वसीम को गिरफ्तार किया था, लेकिन पुलिस उसे थाने नहीं ले गई. उसे एक होटल में ले जाया गया. जहां लेनदेन के बाद उसे छोड़ दिया गया. वसीम को छोड़ने के लिए क्राइम ब्रांच के प्रमोद तोमर ने विजयनगर थाने के पुलिसकर्मियों से सेटिंग की थी.

कैसे हुई डील?

सूत्रों के मुताबिक, विजयनगर थाने के पुलिसकर्मी मुकेश जादौन, प्रमोद शर्मा, लोकेंद्र खींची ने मिलकर 20 से 22 लाख रुपए की डील कर वसीम को छोड़ दिया. यह डील क्राइम ब्रांच में पदस्थ प्रमोद तोमर ने पुलिसकर्मियों के साथ की थी और आरोपी को थाने ले जाने के बजाय एक निजी होटल में बंधक बनाकर रखा गया और वहीं लेनदेन के बाद उसे छोड़ दिया गया. विजयनगर थाने में उस वक्त पैडलर अजहर पन्नी, मुनीर और अबू बकर को पकड़ा गया था. ये सभी लोग वसीम से जुड़े थे.

भूरू बैंड वाले की गिरफ्तारी से खुलासा

इस मामले का खुलासा तब हुआ जब जॉन-1 के डीसीपी विनोद मीना की टीम ने तेजाजी नगर में भूरू बैंड वाले को पकड़ा गया. जांच के दौरान भूरू से पता चला कि वसीम को पुलिस ने सेटिंग कर छोड़ दिया था. अब इस मामले में तेजाजी नगर एसीपी करणदीप और चार आईपीएस अफसर जांच कर रहे हैं.

तेजाजी नगर से शुरू हुई बड़ी कार्रवाई

यह पूरा मामला तेजाजी नगर पुलिस की कार्रवाई से जुड़ा है. पुलिस ने पहले आजाद नगर से शाहरुख पेट्रोल और विजय पाटीदार को पकड़ा. जिनके पास से 2 करोड़ का ड्रग मिला. पूछताछ में शाहरुख ने बताया कि वह सिपाही लखन के संरक्षण में ड्रग्स सप्लाई कर रहा था.

इसके बाद पुलिस ने लखन को गिरफ्तार किया और उसे तेजाजी नगर थाने बुलाया गया. लखन के साथ ही दलाल राजा बाबू को भी गिरफ्तार कर लिया गया. अब पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में है और मामले की जांच जारी है. देखना होगा कि इस सेटिंग के खेल में कौन-कौन अधिकारी फंसते हैं और क्या कार्रवाई होती है?

विजयनगर थाना प्रभारी चंद्रकांत पटेल के मुताबिक, वसीम हमारे वहां नहीं पकड़ा था और हमें इसकी कोई जानकारी नहीं है.
दो जोन के चार आईपीएस जांच कर रहे हैं. इधर, पुलिस की संलिप्तता सामने आने के बाद जोन-1 के डीसीपी विनोद मीना और प्रोबेशनर आईपीएस करणदीप सिंह मामले की जांच कर रहे हैं. उधर, जोन-2 के डीसीपी अभिनय विश्वकर्मा ने प्रोबेशनर आईपीएस आदित्य पटले को जांच सौंपी है.

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