GIS में आए डेलीगेट्स को मिला भगवान महाकाल का प्रसाद, वर्चुअल रियलिटी से की ओरछा-सांची और खजुराहो की सैर, एमपी पर्यटन की मेहमान नवाजी का ले रहे लुत्फ


भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आए मेहमानों को भगवान महाकाल का प्रसाद मिला। वर्चुअल रियलटी के जरिए उन्हें ओरछा और सांची की सैर कराई गई। दरअसल, GIS के मप्र टूरिज्म बोर्ड के पवेलियन में राज्य की समृद्ध विरासत और निवेश क्षमता का प्रदर्शन हुआ। उज्जैन, सांची, भोजपुर, भीमबेटका, खारी विलेज होमस्टे और भोपाल के प्रमुख पर्यटन स्थल भी आकर्षण का केंद्र बने।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड का पवेलियन आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थल, प्राचीन मंदिर, राजसी किले और लुभावने प्राकृतिक स्थलों को नवीन तकनीक और इंटरैक्टिव पैनल के माध्यम से प्रदर्शित किया जा रहा है। यहां डेलिगेट्स ने होलोग्राम के जरिए महांकाल के सजीव दर्शन कराये जा रहे हैं। उन्हें उज्जैन से विशेष रूप से मंगाया गया बाबा महाकाल का प्रसाद भी दिया जा रहा है। इसके साथ ही साइक्लिंग करते हुए वर्चुअल रियलिटी के जरिए ओरछा, खजुराहो और सांची स्तूप के साथ वन्य जीवन का अनुभव कराया जा रहा है।

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पवेलियन में वेलनेस टूरिज्म को प्रदर्शित करते हुए साउंड हीलिंग तकनीक का विशेष जोन बनाया गया है। प्रदेश के पारंपरिक हस्तशिल्प बाग प्रिंट का लाइव काउंटर में डेलिगेट्स बाग प्रिंट को करीब से जानने के साथ साड़ी, स्टोल जैसे उत्पाद भी खरीद रहे हैं। जीआईएस के पलो को यादगार बनाने के लिए मोगली सेल्फी पॉइंट स्थापित किया गया हैं। जिसमें डेलीगेट्स जंगल बुक के कैरेक्टर मोगली, बघीरा सहित चीता और बाघ के साथ सेल्फी ले सकते है।

डेलिगेट्स के लिए उज्जैन और सांची बने पहली पसंद

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आए देश-विदेश के प्रतिनिधियों के लिए मध्यप्रदेश पर्यटन ने विशेष यात्रा टूर प्लान किया है। डेलीगेट्स ने उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के साथ ही, सांची के बौद्ध स्तूप, भोजपुर के शिव मंदिर और भीम बेटका की ऐतिहासिक गुफाओं में रुचि व्यक्त की है। साथ ही पर्यटन ग्राम खारी को भी डेलिगेट्स द्वारा खूब पसंद किया जा रहा है, जहां डेलिगेट्स ग्रामीण जीवनशैली और स्थानीय संस्कृति का अनुभव ले रहे है।

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मध्यप्रदेश पर्यटन की शानदार मेहमान नवाजी का ले रहे हैं लुत्फ

मध्यप्रदेश पर्यटन GIS में आए मेहमानों को राज्य के ऐतिहासिक, प्राकृतिक, सांस्कृतिक स्थलों से अवगत कराने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग भी कर रहा है। इससे न केवल राज्य की विरासत को व्यापक स्तर पर प्रचार मिल रहा है, बल्कि डेलीगेट्स में हमारे पर्यटन स्थलों के प्रति आकर्षण भी बढ़ा रहा है। मध्यप्रदेश सरकार और पुरातत्व विभाग के सहयोग से राज्य के सभी पुरातात्विक और एएसआई संरक्षित स्मारकों पर प्रतिनिधियों के लिए नि:शुल्क प्रवेश की सुविधा दी गई है। इसके अलावा, मध्यप्रदेश पर्यटन द्वारा सहायता डेस्क और यात्रा सहायकों की भी विशेष व्यवस्था की गई, जिससे मेहमानों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

MP की जनजातीय कला और संस्कृति का भव्य प्रदर्शन

प्रदेश की जनजातीय और स्थानीय संस्कृति के साथ जनपदीय संस्कृति को सजीव रूप में प्रस्तुत करने के लिए सांस्कृतिक ग्राम विकसित किया गया है। इसमें प्रदेश की जनजातीय और लोक कलाकारों की अद्भुत प्रतिभा का प्रदर्शन भी किया जा रहा है। सांस्कृतिक परिदृश्य की झलक प्रस्तुत करते जनजातीय नृत्य, पारंपरिक वस्त्र, चित्रकारी, मिट्टी और धातु शिल्प के साथ लोक संगीत सभी डेलीगेट को अपनी ओर अनायास ही आकर्षित कर रहे है। विशेष रूप से जनजातीय नृत्य बोंगा, बैगा, सहरिया, कोल और कोरकू जनजातियों के पारंपरिक नृत्यों की प्रस्तुतियां दी जा रही हैं । चंदेरी और महेश्वरी साड़ियों, बाग प्रिंट, मिट्टी के बर्तन, धातु के आभूषण और लकड़ी के खिलौने मध्यप्रदेश की शिल्प कला का उत्कृष्ट नमूना प्रस्तुत किया जा रहा है। निमाड़ और बुंदेलखंड के लोक गायकों द्वारा प्रस्तुत पारंपरिक गीत संगीत की प्रस्तुति दी जा रही हैं।

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पर्यटन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा कि ‘जीआईएस में आने वाले मेहमानों को म.प्र. के ऐतिसाहिक, प्राकृतिक, सांस्कृतिक स्थलों से अवगत कराने के उद्देश्य से आधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है। वर्चुअल अनुभव से न केवल राज्य की विरासत को व्यापक स्तर पर प्रचार मिलेगा, बल्कि डेलिगेट्स में हमारे पर्यटन स्थलों के प्रति आकर्षण भी बढ़ेगा। पवेलियन में होलोग्राम के जरिये महाकाल के दर्शन और ओरछा की वर्चुअल टूर को सराहा जा रहा है। साथ ही पवेलियन में पधारने वाले निवेशकों और डेलिगेट्स को प्रदेश में पर्यटन परियोजनाओं में निवेश के अवसर और नवीन पर्यटन नीति के प्रावधानों से भी अवगत कराया जा रहा है।’

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