MP NEWS – ई गवर्नेंस संविदा कर्मचारियों ने संविदा नीति 2023 के लिए ज्ञापन दिया
मध्य प्रदेश शासन के लिए काम कर रहे ई गवर्नेंस संविदा कर्मचारियों ने संविधान नीति 2023 लागू करने के लिए प्रदेश के कई जिलों में कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया है। कर्मचारियों का कहना है कि यह नीति यह सभी विभागों में लागू हो गई है परंतु अब तक उनके लिए लागू नहीं की गई है। इसके कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
9 महीने पहले मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी
ज्ञापन में कहा गया, विदिशा डीईजीएम निजामुद्दीन की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो जाने से परिवार असुरक्षा महसूस कर रहा है। परिवार में दो नाबालिग बच्चे हैं, जिनके पालन पोषण के लिए नियुक्ति लागू करना बहुत जरूरी है। साथ ही बीते वर्ष मुख्यमंत्री शिवराज सिहं चौहान द्वारा की गई घोषणा के अनुसार प्रदेश का एक मात्र ऐसा विभाग ई गवर्नेस जिसमे तकनीक रूप से प्रशिक्षित अमला शासन की विभिन्न योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में निरंतर कार्यरत है, प्रदेश के समस्त जिलों की ई गवर्नेंस सोसायटी में पदस्थ हैं, उन्हे नीति निर्धारण के 9 माह बाद भी अभी तक विज्ञान प्रौद्योगिकी एवम एमपीएसईडीसी के द्वारा इस नीति से अछूता रखा है और आज भी संविदा नीति 2023 नीति लागू किये जाने के लिए अधिकारियों को ज्ञापन देकर नीति लागू किए जाने की मांग की जा रही है।
चूंकि ई गवर्नेस कर्मचारी एक निश्चित चयन परीक्षा के तहत भर्ती हुए हैं। प्रत्येक जिले में विगत 11 वर्ष से शासन की समस्त योजनाओं मे संलग्न रह कर कार्य कर रहे हैं। कोरोना काल से लगभग 4 से 5 लोगों की मृत्यु अल्पकाल में कार्य के दौरान हो चुकी है। संविदा नीति ई गवनेंस के स्टाफ पर लागू कर योजना का लाभ कर्मचारियों को दिया जाना अत्यन्त आवश्यक है, अन्यथा परिवार के सामने भरण पोषण की समस्या उत्पन्न होगी।
मुख्यमंत्री की घोषणा को नहीं मानना कितना सही
विधान सभा निर्वाचन से पूर्व प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने “संविदा महा पंचायत” का आयोजन किया था, जिसमे प्रदेश के सभी विभागों, निगम, मंडल, योजना, सोसायटी में पदस्थ अमला उपस्थित रहा थे, तत्समय घोषित नीति को सभी विभागों में लागू करने, तहत नीति का लाभ दिए जाने के निर्देश जारी किए गए थे। उक्त निर्देशों का पालन मध्य प्रदेश के सभी विभागों के द्वारा किया गया है, वेतन फिक्सेशन किया गया था, किंतु ई गवर्नेंस के अंतर्गत जिले ई गवर्नेंस सोसायटी का अमला अभी तक एमपीएसईडीसी और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की पक्षपात नीति के चलते वंचित हैं। यहां शासन के निर्देश को नहीं मानने का कारण भी स्पष्ट नही कर रहे हैं। जिससे सभी अधिकारी, कर्मचारी ज्ञापन देने को मजबूर हैं।
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