ये कैसी शिक्षा दी जा रही शिक्षा मंत्री? राव उदय प्रताप सिंह के क्षेत्र में गुंडई पर उतरे प्रिंसिपल, छात्रों को जानवरों की तरह पीटा, अब क्या कार्रवाई करेंगे प्रभारी मंत्री?


अनूप दुबे, कटनी। मध्य प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था की हालत बेहद खराब है। स्कूल शिक्षा मंत्री उदय राव प्रताप सिंह खुद खुले मंच से अपने विभाग की पोल खोल कर शिक्षकों के विद्यालय न आने की सच्चाई बता चुके हैं। लेकिन अब तो ऐसा लगता है कि स्कूलों के प्रिंसिपल गुंडे बन चुके हैं जो छात्रों से मारपीट करने पर उतारू हो चुके हैं। दरअसल ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि मंत्री उदय राव प्रताप सिंह के प्रभार वाले कटनी जिले से एक मामला सामने आया है। जहां ढीमरखेड़ा तहसील के ग्राम गोपालपुर में एक प्रभारी प्रचार्य ने छात्रों से मारपीट की। जिसके बाद अब उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है।

प्रभारी प्रिंसिपल पर 3 छात्रों की पिटाई का आरोप 

आरोप है कि पीएम श्री गोपालपुर हाई स्कूल के प्रभारी प्रचार्य गणेश यादव शुक्रवार दोपहर किसी बात पर 3 छात्रों पर नाराज हुए। नाराजगी इस कदर थी कि तीनों की बेदम पिटाई कर दी। जिसके बाद आज दोपहर सभी छात्र परिजनों के साथ शिलौंडी पुलिस चौकी पहुंचे और मारपीट करने वाले प्रिंसिपल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। 

जांच में जुटी पुलिस

पुलिस ने मामला दर्ज कर छात्रों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उमरिया पान भिजवाकर मुलायजा करवाया। ढीमरखेड़ा थाना प्रभारी मोहम्मद शाहिद खान ने बताया कि गोपालपुर के पीएम श्री स्कूल के छात्रों ने प्रभारी प्रचार्य के खिलाफ मारपीट की शिकायत की है। लोगों के बयान लेकर जांच की जा रही है।संबंधित विभाग को सूचित कर दिया गया है। जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। 

कटनी जिले के प्रभारी मंत्री हैं स्कूल शिक्षा मंत्री उदय राव प्रताप सिंह 

बता दें कि स्कूल शिक्षा मंत्री उदय राव प्रताप सिंह कटनी जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं। ऐसे में उनके जिले में बच्चों से मारपीट करने की घटना सामने आने के बाद उनकी सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े होने लगे हैं। अब देखना यह होगा कि मंत्री इस पर किस तरह का सख्त कदम उठाते हैं।

स्कूल शिक्षा मंत्री ने खोली थी अपने ही विभाग की पोल

गौरतलब है कि मंत्री उदय प्रताप सिंह शिक्षा व्यवस्था को लेकर अपने ही विभाग की  पोल खोल चुके हैं। हाल ही में उन्होंने मंच से कहा था, “अकेले उनके जिले में ही लगभग 100 शिक्षक ऐसे हैं, जो स्कूल में पढ़ाने के लिए असिस्टेंट को नियुक्त करते हैं। 500 ऐसे शिक्षकों को वे व्यक्तिगत रूप से जानते भी हैं। समाज की चुनौतियों पर हमको चिंतन मनन करना होगा।”  

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