MP BJP जिला अध्यक्ष की लिस्ट – वीडी, हितानंद, नरोत्तम और राकेश सिंह दिल्ली रवाना
मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्षों की लिस्ट लेकर प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा दिल्ली रवाना हो गए हैं। दिल्ली से फाइनल अप्रूवल मिलने के बाद जिला अध्यक्षों की पहली लिस्ट जारी कर दी जाएगी। यहां उल्लेख करना अनिवार्य है कि, मध्य प्रदेश के बड़े नेताओं में जबरदस्त संघर्ष की स्थिति बनी हुई है और आम सहमति नहीं बन पाई है। इनके अलावा नरोत्तम मिश्रा और राकेश सिंह भी दिल्ली रवाना हुए हैं। नरोत्तम और राकेश सिंह का पर्सनल एजेंडा है। इसके अलावा कुछ बड़े नेता पहले से ही दिल्ली में है।
मध्य प्रदेश में भाजपा जिला अध्यक्षों की लिस्ट दिल्ली में नए सिरे से बनेगी
पार्टी के सूत्रों का कहना है कि, मध्य प्रदेश में जिला अध्यक्षों के लिए जो नाम फाइनल हुए थे, दिल्ली में केवल उन पर विचार नहीं किया जाएगा बल्कि पूरी लिस्ट दोबारा बनाई जाएगी। इसमें पैनल के नाम हो भी सकते हैं और नहीं भी हो सकते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, शिवराज सिंह चौहान, डॉ मोहन यादव, कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद सिंह पटेल, ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर एवं अन्य कुछ दिग्गज नेताओं की तरफ से जो नाम मिलेंगे। उनमें से ही फाइनल लिस्ट बनाई जाएगी। दिल्ली में प्रदेश संगठन चुनाव की पर्यवेक्षक सरोज पांडेय, प्रदेश प्रभारी डॉ. महेन्द्र सिंह, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश समन्वय का काम करेंगे। मध्य प्रदेश का मामला है इसलिए फाइनल अप्रूवल अमित शाह की ओर से मिलेगा।
सागर जिला सबसे ज्यादा संवेदनशील
सागर में जिलाध्यक्ष को लेकर दिग्गजों के बीच खींचतान मची हुई है। भूपेन्द्र सिंह, गोविंद सिंह राजपूत, गोपाल भार्गव, शैलेन्द्र जैन अपने-अपने करीबियों को जिलाध्यक्ष बनवाने के लिए प्रयासरत हैं। यहां स्थित सबसे ज्यादा संवेदनशील है। बड़े नेताओं और उनके समर्थकों की संख्या सागर जिले में संगठन के उपलब्ध पदों की संख्या की तुलना में बहुत ज्यादा हो गई है। एक विचार आया है कि सागर को दो जिलों में बांट दिया जाए। इस प्रकार 2 जिला इकाई बन जाएगी और दुगने नेताओं को संगठन में पद दिया जा सकेगा। सागर में रहली, देवरी और बंडा विधानसभा को मिलाकर एक जिला बनाया जाएगा। सुरखी, सागर, खुरई, बीना, नरयावली को मिलाकर एक जिलाध्यक्ष बनाया जाएगा।
संगठन में मोहन यादव की स्वीकार्यता कमजोर
भारतीय जनता पार्टी संगठन में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की स्वीकार्यता थोड़ी कमजोर है। मुख्यमंत्री होने के बाद भी जिला स्तर के नेता उनकी बात मानने के लिए तैयार नहीं है। स्थित है कि मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के पास अभी एक भी ऐसा नेता नहीं है, जिसकी बात को पूरे प्रदेश में स्वीकार कर लिया जाए। धार, ग्वालियर, इंदौर, रीवा, निवाड़ी, सिंगरौली में काफी तनाव की स्थिति है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अपने स्तर पर प्रयास किया था परंतु वह सफल नहीं हो पाए। पीथमपुर में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री की अपील तक का सम्मान नहीं किया। प्रदेश अध्यक्ष के बयान के बाद स्थिति नियंत्रण में आई।
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