62 BNS – अपराध करने का प्रयत्न करना, कब अपराध होगा, जानिए
किसी भी अपराध के चार चरण होते हैं। 1. आशय, 2. तैयारी, 3. प्रयत्न एवं 4. अपराध होना। किसी भी अपराध का आशय कोई अपराध नहीं होता है लेकिन कुछ अपराधों की तैयारी करना अपराध होता है। जैसे कि भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध की तैयारी करना, लूटपाट, डकैती की तैयारी करना, लेकिन किसी भी अपराध का प्रयत्न करना हमेशा अपराध होता है जानिए।
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 62 की परिभाषा
जो कोई व्यक्ति किसी आजीवन कारावास या अन्य कारावास से दण्डनीय अपराध करने का प्रयास मात्र करेगा वह व्यक्ति IPC की धारा 511 एवं BNS की धारा 62 के अंतर्गत दोषी होगा। उदाहरण अनुसार:- क, य की जेब में हाथ डालकर कुछ पैसे निकालने की कोशिश करता लेकिन य के जेब में कुछ नहीं है और वह निकालने में भी असफल हो जाता है तब भी क, आपराधिक प्रयास के अपराध का दोषी होगा।
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 62 के अंतर्गत दंड का प्रावधान
इस धारा के अपराध संज्ञेय एवं असंज्ञेय दोनों प्रकार के होते हैं यह अपराध जमानतीय एवं अजमानतीय दोनों प्रकार के हो सकते हैं अर्थात अपराध की प्रवर्ती पर, इनकी सुनवाई उस न्यायालय द्वारा की जाती है जहां मुख्य अपराध का विचारण होगा।
सजा:- आजीवन कारावास के अपराध का प्रयत्न करने पर उस अपराध की अधिकतम सजा के आधे कारावास से दण्डित किया जाएगा, इसी प्रकार अन्य अपराध के दंड के अधिकतम कारावास के आधे कारावास से दण्डित किया जाएगा। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर – यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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