BHOPAL के शिक्षकों ने भिंड कलेक्टर के आदेश का स्वागत किया, अपने कलेक्टर से मिलेंगे
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के शिक्षकों ने, भिंड जिले के कलेक्टर श्री संजीव श्रीवास्तव के उसे आदेश का स्वागत किया है जिसमें उन्होंने, शिक्षकों को 6वें एवं 7वें वेतनमान और क्रमोन्नति का एरियर भुगतान न होने के लिए सीधेतौर पर स्कूल शिक्षा विभाग के मैदानी अधिकारियों को जिम्मेदार माना है और अलग-अलग मद में एरियर का भुगतान होने तक भिंड के सभी विकासखंड शिक्षा अधिकारी, आहरण संवितरण अधिकारी (डीडीओ) और उनके वेतन आहरण लिपिकों के वेतन भुगतान पर आगामी आदेश तक के लिए रोक लगा दी है। मध्य प्रदेश शासकीय शिक्षक संगठन ने भोपाल कलेक्टर से भी ऐसे ही आदेश जारी करने की मांग की है। इसे लेकर शिक्षक कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपेंगे।
भिंड कलेक्टर ने एक आदेश से शिक्षकों की सारी समस्या सॉल्व कर दी
प्रदेशभर में शिक्षकों को अब तक 6वें, 7वें वेतनमान और क्रमोन्नति का एरियर नहीं मिला है। इसे लेकर शिक्षक नाराज रहते हैं और समय-समय पर आंदोलन भी कर रहे हैं। जब यह बात भिंड कलेक्टर के सामने पहुंची तो उन्होंने एरियर का भुगतान न होने का कारण पता किया। उन्हें पता चला कि जिले में पदस्थ अधिकारियों की लेतलाली के कारण इन शिक्षकों को एरियर राशि का भुगतान नहीं हो पा रहा है। कलेक्टर के इस कदम से संबंधित अधिकारी एरियर भुगतान की बाधाएं दूर करने पर ध्यान देंगे। एरियर भुगतान के मामले में एक आदेश रीवा कलेक्टर ने भी जारी किया है। कलेक्टर ने सभी विकासखंड शिक्षा अधिकारी और संकुल प्राचार्य को 7 दिन में लंबित स्वत्वों के भुगतान की सूची तैयार करने को कहा है।
कैंप लगाकर पेमेंट करने के आदेश दिए हैं
जिला कोषालय अधिकारी, संकुल प्राचार्य, बीईओ और जिला स्तरीय समिति को सूचीबद्ध प्रकरणों के अनुसार विकासखंड स्तर पर लंबित प्रकरणों का परीक्षण करने और वैध प्रकरणों में कैंप लगाकर भुगतान कराने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने ऐसे प्रकरणों के निराकरण की समयसीमा और सभी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर दी है। जिला शिक्षा अधिकारी, जिला कोषालय अधिकारी सहित अन्य संबंधित अधिकारियों से कहा है कि 26 जनवरी तक हर हाल में प्रकरणों का निराकरण हो जाना चाहिए।
भिंड कलेक्टर के निर्णय का भोपाल में स्वागत
शासकीय शिक्षक संगठन मप्र के कार्यकारी अध्यक्ष उपेंद्र कौशल का कहना है कि भिंड कलेक्टर का निर्णय स्वागत योग्य है। भोपाल कलेक्टर को भी इसी प्रकार से निर्देश जारी कर शिक्षकों के लंबित स्वत्वों, वेतन भत्तों, एरियर राशि का भुगतान कराना चाहिए। भोपाल में भी शिक्षक अपने स्वत्वों के भुगतान के लिए शिक्षा विभाग के कार्यालयों के चक्कर काटते रहते हैं लेकिन अधिकारी और बाबू बात करने को भी तैयार नहीं होते।
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