मोहन सरकार के नए साल का लक्ष्य निर्धारित: MP के विकास का रोड-मैप तैयार, चार साल और विजन का बड़ा खाका…


शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश की डॉ मोहन यादव सरकार ने नए साल के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है। सरकार ने प्रदेश के विकास के लिए रोड मैप बनाया है। चार साल और विजन का बड़ा खाका तैयार किया गया है। आइए जानते है एमपी सरकार के रोड मैप के अहम बिंदु…

प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दोगुना किया जाएगा। एक लाख 25 हजार अस्थाई विद्युत कनेक्शन लेने वाले कृषकों को सौर ऊर्जा के पम्प प्रदाय किये जाएंगे। अगले 4 वर्ष में सौर ऊर्जा पम्प प्रदाय कर किसानों को विद्युत आपूर्ति में आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। कृषि फसलों के विविधीकरण की पहल की जाएगी, जिससे किसानों की आय में बढ़ौत्तरी हो। अधिक दाम प्रदान करने वाली फसलों की ओर किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा।

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सिंचाई, एजुकेशन को लेकर

एमपी में वर्तमान में 50 लाख हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र है..अगले पांच वर्षों में इसे दोगुना एक 1 करोड़ हेक्टेयर किया जाएगा। वर्तमान में 17 शासकीय मेडिकल कॉलेज है और 13 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज है। पीपीपी मोड पर 12 और 8 शासकीय मेडिकल कॉलेज चालू किये जाएंगे। प्रदेश में दुग्ध समितियों का विस्तार किया जाएगा। वर्तमान में प्राथमिक दुग्ध समितियां 8,500 गांवों में ही है। एक वर्ष में 15 हजार गांवों तथा 4 वर्षों में प्रदेश के समस्त गांवों तक दुग्ध समितियां गठित की जाएंगी।

एक लाख सरकारी भर्तियां

महिला स्व-सहायता समूह को जन आंदोलन बनाया जाएगा। वर्तमान में 25 लाख महिलाएं स्व-सहायता समूह से जुड़ी है यह संख्या चार वर्ष में 50 लाख तक बढ़ाई जाएगी। यात्रियों की सुविधा के लिए प्रदेश में बसों के लिये परिवहन कंपनी बनाकर संचालन किया जाएगा। वर्ष-2025 को उद्योग एवं रोजगार-वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। जिसमें युवाओं को शासकीय नौकरी के साथ स्व-रोजगार से जोड़ने का वृहद स्तर पर कार्य होगा। एक लाख सरकारी भर्तियां की जाएंगी।

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मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र का गठन

प्रदेश में मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र (महानगर) का गठन किया जाएगा। इंदौर-उज्जैन-देवास-धार को मिलाकर एक और भौपाल-सीहोर रायसेन विदिशा-ब्यावरा (राजगड) को मिलाकर दूसरा मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र बनाया जाएगा। संभाग, जिला, तहसीलों और अनुविभागों का पुनर्गठन किया जाएगा।

भारत सरकार के विजन के अनुरूप राज्य के सभी संभाग मुख्यालयों जैसे ग्वालियर, सागर, रीवा, जबलपुर, नर्मदपुरम, शहडोल आदि को भी क्षेत्रीय आर्थिक विकास केंद्र के रूप में विकसित करने की अवधारणा के साथ कार्य योजना बनाई जाएगी। प्रदेश में संतुलित नगरीय विकास को गति देने और आर्थिक विकास के केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए पुनर्घनत्वीकरण और पुनर्विकास नीति के अतिरिक्त एकीकृत टाउनशिप नीति तैयार की जाएगी। इसमें निजी भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा।

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