‘…तो किसानों को करनी पड़ जाएगी आत्महत्या’, कूनो छोड़ शहर में घूम रहे चीते बने पॉलिटिकल मुद्दा, जानिए प्रभारी मंत्री और कांग्रेस विधायक ने क्या कहा ?


कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। भारत में अगर अफ्रीकन चीतों का दीदार करना है तो आपको मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले स्थित कूनो नेशनल पार्क में आना होगा। लेकिन आजकल यहां के चीते जंगल में कम और शहर में ज्यादा दिखाई दे रहे हैं। वहीं इस मामले पर पक्ष और विपक्ष अजीबो गरीब बयान दे रहे हैं। एक तरफ प्रभारी मंत्री ने कूनो के क्षेत्रफल में विस्तार पर मंथन की बात कही। दूसरी ओर कांग्रेस विधायक ने कहा कि ऐसे हालात रहने पर किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएगा।

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शहर की सड़कों पर दौड़ रहे चीते

दरअसल, बीते दिनों श्योपुर शहर की सड़कों पर खुले में चीते की आमद देखने को मिली। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हुआ। ये हालात तब हैं जब सिर्फ 2 चीतों को खुले जंगल में छोड़ा गया। अगर कूनो के बड़े बाड़े में मौजूद सभी चीतों को खुले जंगल मे छोड़ दिया जाए, तब क्या हालात बन सकते है? यह सवाल वन विभाग के अधिकारियों के साथ ही सियासतदारों के बीच खूब चर्चा में है। 

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आईये कूनो नेशनल पार्क पर एक नजर डालते हैं

– वर्तमान में कूनो का क्षेत्रफल 1235 वर्ग किलोमीटर है
– चीतो को देखते हुए शिवपुरी और श्योपुर सामान्य वन मण्डल का 542वर्ग किलोमीटर क्षेत्र जोड़ दिया गया है।
– वर्तमान में अब कुल क्षेत्रफल 1777 वर्ग किलोमीटर हो गया है
– बढे हुए हिस्से में दो नई वन रेंज जोड़ी गयी है
– पार्क के अधीन अब वन रेंज की संख्या 8 से बढ़कर 10 होगी
– इनमे 750 वर्ग किलोमीटर मुख्य पार्क क्षेत्र हैं
– 1027 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र वफर जोन है
– रेंज बढ़ने के साथ 20 लोगो का स्टाफ भी बढ़ाया गया है
– वर्तमान में कूनो नेशनल पार्क में कुल 24 चीते है
– 12 वयस्क और 12 शावक चीते है
– 02 चीते खुले जंगल मे छोड़े गए है

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श्योपुर के प्रभारी मंत्री ने कूनो के विस्तार पर मंथन की कही बात  

श्योपुर जिले के प्रभारी मंत्री राकेश शुक्ला ने इन हालातों पर स्थानीय जिला प्रशासन और वन विभाग से चर्चा कर चीतों के रहवास, सुरक्षा और खाने के बारे में जानकारी ली है। राकेश शुक्ला का कहना है कि एक वयस्क चीता हर रोज लगभग 60 किलोमीटर दौड़ता है। ऐसे में चीतों की देखरेख लगातार की जा रही है। साथ ही कूनो के क्षेत्रफल विस्तार को लेकर जल्द बैठक कर मंथन किया जाएगा।

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… तो किसानों को करनी पड़ जाएगी आत्महत्या

प्रभारी मंत्री के बयान के बाद कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार का बयान सामने आया है। विधायक सिकरवार का कहना है कि बीजेपी किसने की तहसील बनती है, लेकिन अंचल में देखने मिल रहा है कि चीतों की दहशत के कारण किसान डरे हुए हैं। वे घर से भी नहीं निकल पा रहे हैं और खेतों पर काम करने नहीं जा पा रहे हैं। जिसके चलते उनकी फसल का भी नुकसान हो रहा है। अगर ऐसे हालात रहे तो श्योपुर और मुरैना जिले के किसानों को आत्महत्या करनी पड़ जाएगी। चीतो के कारण आदिवासी भाइयो को और अधिक खतरा बढ़ गया है। वे पलायन करने की स्थिति में आ गए है। चीता खूंखार जानवर है, वह इंसान को खाने के लिए शहर में घूम रहा है।

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जंगल में और चीते छोड़ने के फैसले पर लगा ब्रेक

फिलहाल चीता अग्नि पिछले 12 दिन से श्योपुर शहर में डेरा जमाए हुए है। वहीं चीता वायु मुरैना जिले की सीमा तक पहुंचा है। ऐसे हाल में अगर बड़े बाड़े में बंद सभी चीतों को खुले में छोड़ दिया गया तो हालत संभालना मुश्किल हो सकता है। ऐसी स्थिति में वन्य प्राणी विशेषज्ञों की सलाह के बाद जिला प्रशासन ने जंगल में और चीते छोड़ने के फैसले को आगे बढ़ा दिया है।

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