legal advice – दण्ड क्या है एवं दंड कितने प्रकार के होते हैं जानिए


“दण्ड” संस्कृत शब्द है, इसका हिंदी अर्थ होता है डंडा। डंडे से पीटे जाने की प्रक्रिया को दंडित किया जाना कहा जाता था। कालांतर में इसी शब्द को सजा का पर्यायवाची मान लिया गया और कानून की प्रक्रिया में भी उपयोग किया जाने लगा है। जब कोई व्यक्ति कोई अपराध करता है, तब उस अपराधी को दंडित किया जाता है ताकि उसे एवं अन्य लोगों को यह स्मरण रहे कि, यह काम करना अपराध है और अपराध करने पर दंड मिलता है। एक अपराधी को सुधारने की प्रक्रिया का यह सबसे पहला पड़ाव है। 

एक अपराधी को सिविल दंड निम्न स्थितियों में दिया जा सकता है

1. संविदा के उल्लंघन: यदि आरोपी ने किसी संविदा का उल्लंघन किया है, तो उसे सिविल दंड दिया जा सकता है।

2. दायित्व के उल्लंघन: यदि आरोपी ने किसी दायित्व का उल्लंघन किया है, तो उसे सिविल दंड दिया जा सकता है।

3. संपत्ति के नुकसान: यदि आरोपी ने किसी की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है, तो उसे सिविल दंड दिया जा सकता है।

एक अपराधी को आपराधिक दंड निम्न स्थितियों में दिया जा सकता है:

1. अपराध का आरोप: यदि आरोपी पर अपराध का आरोप लगाया गया है, तो उसे आपराधिक दंड दिया जा सकता है।

2. अपराध का साबित होना: यदि आरोपी पर अपराध का आरोप साबित हो जाता है, तो उसे आपराधिक दंड दिया जा सकता है।

3. अपराध की गंभीरता: यदि अपराध की गंभीरता अधिक है, तो आरोपी को आपराधिक दंड दिया जा सकता है।

दोनों दंड एक साथ दिया जाना:- 

1. सिविल और आपराधिक मामले: यदि आरोपी पर सिविल और आपराधिक दोनों मामले चल रहे हैं, तो उसे दोनों दंड एक साथ दिए जा सकते हैं।

2. अपराध की गंभीरता: यदि अपराध की गंभीरता अधिक है, तो आरोपी को दोनों दंड एक साथ दिए जा सकते हैं।

दंड के प्रकार निम्न हैं

1. कारावास: यह दंड अपराधी को जेल में रखने के लिए दिया जाता है।

2. जुर्माना: यह दंड अपराधी को पैसे के रूप में देना पड़ता है।

3. मृत्युदंड: यह दंड अपराधी को मृत्यु की सजा देने के लिए दिया जाता है।

4. निर्वासन: यह दंड अपराधी को देश से बाहर निकालने के लिए दिया जाता है।

5. सामाजिक सेवा: यह दंड अपराधी को समाज के लिए काम करने के लिए दिया जाता है।

6. पुनर्वास: यह दंड अपराधी को सुधारने और उसे समाज में फिर से स्थापित करने के लिए दिया जाता है।

7. निगरानी: यह दंड अपराधी को निगरानी में रखने के लिए दिया जाता है।

8. पैरोल: यह दंड अपराधी को जेल से बाहर निकालने के लिए दिया जाता है, लेकिन उसे निगरानी में रखने के लिए। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

डिस्क्लेमर – यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें। 

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