अंतर्राष्ट्रीय वन मेला का शुभारंभ: CM डॉ मोहन बोले- कोविड के दौरान काढ़े ने बचाई लोगों की जान, यह वन और भारतीय चिकित्सा पद्धति है
शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अंतर्राष्ट्रीय वन मेले का शुभारंभ हो गया है। सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा कि कोरोनाकाल के दौरान आयुर्वेद के काढ़े ने लोगों की जान बचाई। यह वन और भारतीय चिकित्सा पद्धति है। रातापानी अभ्यारण के कारण भोपाल अद्भुत राजधानी बनेगी।
मंगलवार को राज्यपाल मंगूभाई पटेल और सीएम डॉ मोहन यादव ने राजधानी भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में अंतर्राष्ट्रीय वन मेले का शुभारंभ किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्रदेश में वन संपदा 31% के आसपास है। हमारी वन संस्कृति देश विदेश में स्थापित होने लगी है। तेंदुआ और बाघ को लेकर एमपी देश में पहले नंबर पर है। वनों में रहने वाले आदिवासी वन देवता है। हमारे आदिवासी भाईयों, वनवासी भाइयों के कारण वन संपदा बची है।
पार्वती काली सिंध-चंबल नदी परियोजना अमृत प्रोजेक्ट- CM डॉ मोहन
उन्होंने कहा कि आज के इस दौर में कोविड के दौरान आयुर्वेद के काढ़े ने लोगों की जान बचाई। यह वन और भारतीय चिकित्सा पद्धति है। नदी जोड़ो अभियान विश्व का सबसे पहला आज शुरू हुआ है। जयपुर में पीएम मोदी की मौजूदगी में हुआ। जल ही जीवन है…यह परियोजना दोनों प्रदेश के लिए अमृत प्रोजेक्ट है। केंद्र सरकार ने 90% राशि दी है। प्रदेश के 11 जिलों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
रातापानी अभ्यारण के कारण अद्भुत राजधानी बनेगी भोपाल
वहीं सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा कि रातापानी अभ्यारण्य के कारण भोपाल अद्भुत राजधानी बनेगी। ऐसा क्षेत्र है यहां दिन में आदमी तो रात में टाइगर सड़क पर घूमता है। यह सिर्फ भोपाल में ही संभव है, भोपाल विश्व में अलग पहचान रखता है।
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आपको बता दें कि वन मेला “लघु वनोपज से महिला सशक्तिकरण” पर आधारित है। वन मेला लघु वनोपज, औषधि पौधों के क्षेत्र की गतिविधियों, उत्पादों एवं अवसरों को प्रदर्शित करने के लिये इससे जुड़े संग्राहकों, उत्पादकों, व्यापारियों, उद्यमियों, वैज्ञानिकों, प्रशासकों और नीति निर्धारकों के बीच संवाद स्थापित करने के लिये एक व्यापक मंच उपलब्ध कराएगा।
17 दिसंबर को आर्केस्ट्रा, 18 दिसंबर को लोक गीत एवं भजन गायिका मालिनी अवस्थी, 19 दिसंबर को हास्य कलाकार एहसान कुरैशी, 20 दिसंबर को गायन (सोलो), आर्केस्ट्रा और सूफी बैंड, 21 दिसंबर को नृत्य (सोलो), आर्केस्ट्रा, 22 दिसंबर को फैंसी ड्रेस/सोलो एक्टिंग, “एक शाम वन विभाग के नाम” और 23 दिसंबर को समापन समापन समारोह आयोजित किया जाएगा।
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