ग्वालियर स्वर्ण रेखा नदी मामला: हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, कोर्ट ने नगर निगम को अभी तक किए कामों के सोशल ऑडिट कराने की दी सलाह
कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर की स्वर्ण रेखा नदी को पुनर्जीवित करने से जुड़ी याचिका पर हाई कोर्ट ने आज फिर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने नगर निगम को अभी तक किए गए कामों का सोशल ऑडिट कराने की सलाह दी है। दरअसल एडवोकेट विश्वजीत रतोनिया ने जनहित याचिका दायर करते हुए स्वर्णरेखा नदी को पुनर्जीवित करने की मांग की है। हाई कोर्ट के द्वारा बीती सुनवाई के दौरान दिए आदेश पर नगर निगम के कार्यपालन यंत्री संजीव गुप्ता ने हाई कोर्ट के सामने अभी तक किए सभी कामों की रिपोर्ट पेश की।
हाईकोर्ट ने नगर निगम को दिया निर्देश
हाईकोर्ट ने निगम को निर्देश दिया है कि वह निजी एजेंसी के जरिए स्वर्ण रेखा नदी के दोनों तरफ ट्रंक लाइन बिछाने के लिए तैयार की गई डीपीआर को भोपाल स्थित मैनिट संस्थान से जल्द से जल्द सत्यापित कराएं। इसके साथ ही कोर्ट में यह जानकारी भी दी गई कि नगर निगम अधिनियम में उसके द्वारा कराए जा रहे कामों के लिए सोशल ऑडिट करने का प्रावधान है। ऐसे में स्वर्णरेखा नदी से जुड़े कामों का भी सोशल ऑडिट कराया जाए।
अगली सुनवाई जनवरी में
ताकि इसके जरिए पता चल सके कि वह काम कितना लाभदायक होगा और इसके जरिए कितने लोग प्रभावित होंगे। साथ ही कितने लोगों को इस काम के चलते परेशानी का सामना करना पड़ेगा। यही वजह है कि हाईकोर्ट ने नगर निगम को सलाह दी है कि वह अपने इन कामों का सोशल ऑडिट कराए। वहीं मामले की अगली सुनवाई अब जनवरी के पहले सप्ताह में की जाएगी।
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