ठंड से ठिठुर रहे घायल बेजुबान को मिला नया ‘आशियाना’, शख्स ने पेश की पशु-प्रेम की अनूठी मिसाल, कहा- मां के दर्द से जाना असल ‘दर्द’


इन्द्रपाल सिंह, नर्मदापुरम। आज के दौर में शायद ही कोई इंसान दूसरे किसी व्यक्ति के साथ उतना वफादार और प्रेम रखता होगा जितना कि एक ‘डॉग’ रखता है। बस एक बार आप इनके लिए थोड़ा सा भी कुछ कर दें तो ये ता उम्र उसी प्रेम ओर भाव से आपको देखते हैं। इंसान और कुत्तों के बीच प्रेम के आपने कई उदाहरण देखते हैं। एक ऐसा ही उदाहरण फिर मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम से सामने आया है।

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चिरौंजीलाल का घर

दरअसल, इन दिनों मध्य प्रदेश में कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है। इसी बीच सड़क दुर्घटना में घायल कुत्ते (Dog) को बचाने नर्मदापुरम के एक युवक ने छोटा सा घर बना दिया। साथ ही ठंड से बचने के लिए एक कंबल और जमीन पर बोरा भी बिछाया है। उन्होंने कुत्ते का नाम चिरौंजीलाल रखते हुए घर के बाहर फ्लैक्स भी लगाया है। नर्मदापुरम के जिला अस्पताल के पास चिरौंजीलाल के घर को रखा गया है। इस अस्थाई घर में डॉग( चिरौंजीलाल) ठंड से बचने के लिए कंबल ओढ़कर सोता है। घर को देखकर राहगीर कुछ समय खड़े हो जाते है और घर और चिरौंजीलाल को इस तरह देख खुश होते है।

चाउमिन का ठेला लगाने वाले नितेश तिवारी ने बताया कि, 23 नवंबर को वे क्रिकेट खेलकर घर लौट रहे थे। इसी बीच उन्हें एक डॉग घायल दिखा। इसके बाद वे उसे डॉक्टर के पास लेकर पहुंचे और उसका इलाज करवाया। उसकी हालत देख उन्होंने उसके लिए अच्छी व्यवस्था करने का सोचा। अगले दिन रविवार को फ्लेक्स बनवाएं। जिस पर नाम लिखा ‘चिरौंलोलाल का घर’। करीब एक महीने से डॉग इसी क्षेत्र में घूम रहा था।

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मां के दर्द से जाना असल दर्द

तीन महीने पहले नितेश तिवारी की मां का देहांत हुआ। उन्होंने बताया कि, टॉयलेट में पैर फिसलने से मां घायल हो गई थी। करीब 8 दिन तक मां दर्द से काफी परेशान रही। आखिर में दर्द सहते हुए 8 दिन बाद दम तोड़ दिया। मैंने महसूस किया कि मां भी चोट लगने से पीड़ित रही। उसी दर्द से डॉग तड़प रहा है। मैंने उसके लिए घर बनाने का सोचा। जिसके ऊपर और तीनों तरफ फ्लैक्स लगा दिए। जिसमें ओढ़ने के लिए एक कंबल और दो जुट के बोरे जमीन पर बिछा दिए। ताकि ठंड से बचाया जा सकें।

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