MP NEWS – ग्वालियर में GST कमिश्नरेट स्थापित करने की तैयारी, डॉ. अग्रवाल ने बताया


मध्यप्रदेश के ग्वालियर में जीएसटी कमिश्नरेट स्थापित करने की मांग तेज हो गई है। सीजीएसटी शिकायत निवारण समिति, मध्यप्रदेश की पहली बैठक में यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया। म.प्र. चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष और समिति के सदस्य डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने तर्क सहित इस प्रस्ताव को पेश किया।  

ग्वालियर में लगभग 70,000 टैक्सपेयर हैं

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि ग्वालियर में वर्तमान में लगभग 70,000 टैक्सपेयर हैं, और औद्योगिकीकरण की प्रगति के साथ यह संख्या जल्द ही 1 लाख पार कर सकती है। ग्वालियर में एसजीएसटी और सीजीएसटी के तीन-तीन कार्यालय किराये के भवनों में चल रहे हैं, जिन पर करोड़ों रुपये का वार्षिक खर्च हो रहा है। वहीं, एसजीएसटी का भवन सिटी सेंटर जैसे महंगे क्षेत्र में खाली पड़ा है। इसके साथ ही, 22 एकड़ भूमि जेसी मिल क्षेत्र में जीएसटी विभाग को वापस मिल चुकी है, जो एक समर्पित जीएसटी परिसर के निर्माण के लिए उपयुक्त हो सकती है।  

डॉ. अग्रवाल ने समिति को यह भी याद दिलाया कि जीएसटी कमिश्नरेट का पुनर्गठन हर 10 वर्षों में होता है, और यह प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने वाली है। उन्होंने कहा कि यदि समिति इस प्रस्ताव की अनुशंसा करती है, तो ग्वालियर को इसमें शामिल किया जा सकता है। इस पर समिति के अध्यक्ष सी.पी. गोयल ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि इसे जल्द ही सरकार को अनुशंसा सहित भेजा जाएगा।  

बैठक के अन्य प्रमुख मुद्दे: 

बैठक में डॉ. अग्रवाल ने करदाताओं से संबंधित कई ज्वलंत समस्याओं को उठाया, जिनमें शामिल हैं:  

– सेक्शन 128ए के तहत आने वाली परेशानियां।  

– जीएसटी डिस्काउंट और इंसेंटिव।  

– अनावश्यक नोटिसों से बचने के लिए डीजीएआरएम सेल की कार्यप्रणाली की जांच।  

– जीएसटी ऑडिट आबंटन।  

– शो-कॉज नोटिस और ई-वे बिल से संबंधित समस्याएं।  

– आईटीसी के उपयोग का सही क्रम।  

– जनवरी 2025 से लागू होने वाले जीएसटीआर-3बी रिटर्न के नए मोड।  

समिति अध्यक्ष का आश्वासन:  

समिति के अध्यक्ष सी.पी. गोयल ने इन बिंदुओं पर गंभीरता से विचार करने और समाधान के लिए आवश्यक कार्रवाई का भरोसा दिलाया।  

पृष्ठभूमि:  

गौरतलब है कि 8 नवंबर 2024 को जारी एक परिपत्र में म.प्र. चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण अग्रवाल को सीजीएसटी मध्यप्रदेश शिकायत निवारण समिति का सदस्य मनोनीत किया गया था। इस समिति का गठन देशभर में अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क से संबंधित शिकायतों के निवारण के लिए किया गया है।  

संभावना:

यदि सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी देती है, तो ग्वालियर न केवल जीएसटी के एक बड़े केंद्र के रूप में विकसित होगा, बल्कि इससे औद्योगिकीकरण को भी नई गति मिलेगी।





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