खाद की किल्लत और झूठा ‘सिस्टम’: सुबह से कतार में लग रहे किसान, फिर भी नहीं मिल रहा उर्वरक, कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना जी ये कैसी व्यवस्था?
शब्बीर अहमद, भोपाल/मुरैना। रवि की फसल की बोवनी का समय चल रहा है. किसान गेहूं और सरसों की बोवनी करने की तैयारी में लगा है. लेकिन किसानों को खाद समय पर नहीं मिल पा रहा है. जिस वजह से बोवनी का समय दिनों दिन निकलता जा रहा हैं. किसान खाद के लिए खाद वितरण केंद्र पर सुबह 4.00 बजे से आकर बैठ जाते हैं. इसके बाद भी कई किसानों को तो महीने भर का समय बीत चुका है, पर खाद नहीं मिला है.
बता दें कि खरीफ की फसल अति बारिश के चलते समूचे चंबल-संभाग में तबाह हो गई थी. जिस वजह से किसानों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा. अब किसानों की उम्मीद है कि वह अपनी रवि की फसल की समय पर बोवनी करके उसे ले सके. लेकिन किसानों को खाद नसीब नहीं हो रहा है. जिस वजह से उन्हें लग रहा है कि उनके हाथ से यह फसल भी निकल जाएगी. क्योंकि डीएपी खाद के लिए पिछले महीने भर किसान समूचे जिले भर में खाद वितरण केंद्र के चक्कर लगा रहे है.
इसके बाद भी उन्हें खाद नहीं मिल पा रहा है. खास बात तो यह है कि खाद वितरण केंद्र पर किसान सुबह 4.00 बजे से लाइन लगा लेते हैं. जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं. वह सुबह अपने ननिहालों को घर छोड़कर आती हैं और उसके बाद भी उन्हें खाद नहीं मिलता है तो वह निराश हो कर लौट जाती हैं. इतना ही नहीं बल्कि कई छात्र और छात्राएं भी इस किसानों की कतार में इस कड़कड़ाती धूप में खाद के लिए लग रहे हैं.
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इसके बाद भी खाद नहीं मिल पा रहा है. प्रशासन का दावा है कि खाद की कोई कमी नहीं है. किसानों को खाद मिल रहा है. एक भी किसान खाद से नहीं छूटेगा. लेकिन हकीकत तो यह है कि प्रशासन के पास खाद की इतनी कमी है कि महीने भर से टोकन लेकर के बैठे किसानों को भी खाद नहीं मिल पा रहा है.
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