मौसम साफ होते ही संतरों के दाम में उछाल: महानगरों में बढ़ी संतरों की मांग, बांग्लादेश के इंपोर्ट ड्यूटी पर चर्चा के लिए इस दिन होगी बैठक
शुभम नांदेकर,पांढुर्णा। मध्य प्रदेश के मौसम में सुधार होते ही मंगलवार से संतरों के बाजार में तेजी देखी जा रही है। जिससे संतरा उत्पादकों और निर्यातकों के चेहरे खिल उठे हैं। देश के विभिन्न महानगरों में संतरों की मांग तेजी से बढ़ी है, और दशहरा के बाद से मंदी की मार झेल रहे किसानों को अब बेहतर भाव मिलने की उम्मीदें प्रबल हो गई हैं। बुधवार को नई दिल्ली, कोलकाता सहित अन्य बड़े शहरों में संतरों की मांग बढ़ने के साथ ही मंडियों में भी हलचल तेज हो गई है।
दशहरा पर्व से पहले लगभग दस दिनों तक बारिश और खराब मौसम के कारण आंबिया बहार के संतरों की मांग में गिरावट आई थी। देशभर की मंडियों में कम मांग और बारिश के चलते संतरों के खराब होने से किसानों को मात्र 10 से 15 रुपये प्रति किलो के हिसाब से दाम मिल रहे थे। लेकिन अब मौसम साफ होने के साथ ही संतरों के दाम धीरे-धीरे 15 रुपये प्रति किलो से ऊपर बढ़ते जा रहे हैं। हालांकि, बांग्लादेश के लिए संतरों का निर्यात बंद होने के कारण अभी भी संतोषजनक भाव नहीं मिल रहे हैं।
किसान रेल की आवश्यकता फिर महसूस हो रही
कोरोना काल में संतरों के व्यापार के लिए संजीवनी साबित हुई किसान रेल पिछले दो साल से बंद है, जिससे किसान परिवहन की बढ़ती लागत से जूझ रहे हैं। इस साल आंबिया बहार की अच्छी फसल के बावजूद, ट्रकों का किराया दिन-ब-दिन बढ़ रहा है। किसानों की मांग है कि पांढुर्णा से नई दिल्ली और कोलकाता के लिए रियायती दर पर पार्सल वैन की व्यवस्था की जाए, ताकि उन्हें बेहतर और सस्ता परिवहन साधन मिल सके। आने वाले समय में जब संतरों की बंपर आवक होगी, तो किसान रेल की आवश्यकता और भी अधिक महसूस की जाएगी।
बांग्लादेश के इंपोर्ट ड्यूटी पर चर्चा के लिए बैठक
बांग्लादेश के लिए संतरों के निर्यात में आ रही समस्याओं को देखते हुए, केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। संतरा यूनियन के अध्यक्ष पुरुषोत्तम अंबुलकर ने बताया कि वाणिज्य मंत्रालय ने 21 अक्टूबर को नई दिल्ली के भारत भवन में इस समस्या पर चर्चा करने के लिए एक बैठक बुलाई है। इसमें वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और व्यापारियों के साथ मिलकर संतरों के निर्यात को लेकर आ रही चुनौतियों और इंपोर्ट ड्यूटी पर विचार किया जाएगा।
गौरतलब है कि बांग्लादेश के लिए पिछले कुछ वर्षों से संतरों का निर्यात लगभग ठप है। तीन सालों में इंपोर्ट ड्यूटी चार गुना बढ़ी है, जिसके कारण निर्यात में भारी गिरावट आई है। इस बैठक में, संतरों के निर्यात में सुधार लाने और किसानों के हितों की रक्षा के लिए अहम फैसले की उम्मीद की जा रही है।
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