कूनो नेशनल पार्कः अब खुले जंगल में जिएंगे चीते, पड़ोसी राज्यों में जाने की भी रहेगी छूट, चीता स्टीयरिंग कमेटी ने दी स्वीकृति
राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। भारत में चीतों की धरती कूनो नेशनल पार्क में चीते अब खुले जंगल में विचरण कर खुलकर जिएंगे. दो साल से बाड़ों में बंद चीतों को अब खुले जंगल में छोड़ दिया जाएगा. जंगल में मध्य प्रदेश की सीमा पार कर पड़ोसी राज्यों में पहुंचने पर भी चीतों पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा. एक बार बाड़े से आजाद होने के बाद चीतों को स्वस्थ रहने तक वापस बाड़े में नहीं लाया जाएगा.
चीतों को खुले जंगल में छोड़ने की चीता स्टीयरिंग कमेटी ने स्वीकृति दे दी है. कमेटी ने तय किया है कि चीतों को दो-दो कर जंगल में छोड़ा जाएगा. कूनो नेशनल पार्क के बाड़ों में अभी 12 वयस्क और 12 चीता शावक हैं. बारी-बारी से सभी वयस्क चीतों को जंगल में छोड़ा जाएगा. चीता समीपस्थ राज्यों के जंगल में भी स्वच्छंद विचरण कर सकेंगे. ऐसी स्थिति में संबंधित राज्य के वनमंडल की जिम्मेदारी होगी कि वह चीतों के भोजन, सुरक्षा सहित सभी तरह की निगरानी करे. इसके लिए मध्य प्रदेश के साथ राजस्थान और उत्तर प्रदेश के वन मंडलाधिकारियों को सूचना भेज दी गई है.
पार्क में 19 सितंबर 2022 को चीते लाए
कूनो नेशनल पार्क से राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सीमा लगी हुई है. 2023 में प्रयोग के तौर पर चार चीतों को जंगल में छोड़ा गया था तो चीते मध्य प्रदेश के ही मुरैना, शिवपुरी जिले के साथ उत्तर प्रदेश के झांसी और ललितपुर जबकि राजस्थान के करौली तक पहंुच गए थे. बारिश में रेडियो काॅलर के बेल्ट से हुए इंफेक्शन से एक चीते की मौत होने पर बाकी के चीतों को वापस बाड़ों में लाया गया था. आपको बता दें भारत की धरती कूनो नेशनल पार्क में 19 सितंबर 2022 को चीते लाए गए थे.
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