Exclusive: टिकट वितरण से नाराज शहर जिला अध्यक्ष को मनाने पहुंचे प्रत्याशी, पर नहीं दूर कर सके नाराजगी, देवेंद्र शर्मा ने प्रवीण पाठक के हाथ से नहीं खाई मिठाई


कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश की ग्वालियर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी प्रवीण पाठक अपनी पार्टी के शहर जिला अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा की नाराजगी दूर करने उनके घर पहुंचे। इस दौरान उनके साथ कांग्रेस विधायक साहब सिंह गुर्जर भी मौजूद रहे। लगभग 1 घंटे तक चली मुलाकात के बाद प्रवीण पाठक उनके घर से रवाना हुए लेकिन वे कांग्रेस जिला अध्यक्ष की नाराजगी दूर नही कर पाए।

दरअसल लंबे समय से ग्वालियर सीट पर प्रत्याशी एलान का इंतजार किया जा रहा था। शनिवार को जैसे ही कांग्रेस पार्टी ने टिकट का ऐलान करते हुए प्रवीण पाठक को प्रत्याशी घोषित किया, वैसे ही कांग्रेस के अंदर अंतरकलह शुरू हो गई। पार्टी के शहर जिला अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा ने प्रवीण पाठक को टिकट देने पर आपत्ति दर्ज कराते हुए उन्होंने इसे पार्टी का गलत निर्णय बताया और पार्टी पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया था।

डॉ देवेंद्र शर्मा के इस ऐलान के बाद प्रवीण पाठक उनके घर पहुंचे। इस दौरान उनके साथ कांग्रेस विधायक साहब सिंह गुर्जर भी मौजूद रहे। शहर जिला अध्यक्ष की नाराजगी इस लेवल पर पहुंची कि उन्होंने प्रवीण पाठक के हाथ से ना ही माला पहनी और ना ही मिठाई खाई। लगभग 1 घंटे तक बंद कमरे के अंदर प्रवीण पाठक और कांग्रेस विधायक साहब सिंह गुर्जर ने जिला अध्यक्ष डॉक्टर देवेंद्र शर्मा को मनाने की कोशिश की लेकिन जब सफलता हाथ नहीं लगी तो प्रवीण पाठक उनके घर से रवाना हो गए।

डॉ देवेंद्र शर्मा से मुलाकात के बाद उनके घर से बाहर निकलते हुए प्रवीण पाठक ने लल्लूराम डॉट कॉम (Lalluram.com) से कहा कि हमारी पार्टी का परम कर्तव्य होता है कि जब किसी भी प्रत्याशी को टिकट मिलता है तो जिला अध्यक्ष के घर पर जाया जाता है, उनका आशीर्वाद लिया जाता है। बंद कमरे में चुनावी रणनीति पर चर्चा हुई है। समय कम है, ऐसे में कम समय के अंदर बेहतर काम कैसे किया जा सकता है इस पर मंथन किया गया है। किसी भी प्रकार की कोई नाराजगी की बात नहीं है जिला अध्यक्ष जी का साथ मेरे साथ है।

एक ओर प्रवीण पाठक दावा कर रहे हैं कि जिला अध्यक्ष नाराज नहीं है, तो वहीं दूसरी ओर लल्लूराम डॉट कॉम (Lalluram.com) पर कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने एक बार फिर अपनी नाराजगी को जाहिर किया। उन्होंने कहा की सभी को पता है कि ग्वालियर में कांग्रेस रूपी माला को पिरोने में मेरा सब कुछ न्योछवर हो गया। जिस तरह से पार्टी के लिए मेहनत कर रहा था, कांग्रेस के एक-एक कार्यकर्ता को पार्टी से जोड़कर रखा और आज ऐसा मौका आया है कि जब मैं यदि अपने पद से इस्तीफा देता हूं तो निश्चित रूप से मैं अपनी जिम्मेदारियां से भागने की बात करूंगा। 

मैं यह मैसेज भी नहीं देना चाहता हूं, लेकिन जिस तरह से पार्टी ने निर्णय लिया है वह दुर्भाग्यजनक है। मैंने अपनी सारी पीड़ा लिखकर आलाकमान को भेज दी, उसके बाद भी ऐसा निर्णय हुआ है। ऐसी स्थिति में हम कांग्रेस के लिए समर्पित लोग हैं उस विचारधारा को नहीं छोड़ सकते हैं। लिहाजा इस स्थिति में पद पर रहकर काम करूं या ना करूं इस पर ही अब विचार विमर्श कर रहा हूं।

 गौरतलब है कि लल्लूराम डॉट कॉम (Lalluram.com) पर शनिवार को टिकट एलान के बाद डॉ देवेंद्र शर्मा का सबसे पहले बयान सामने आया था। उन्होने कहा था कि पार्टी ने जो निर्णय लिया वो अपनी समझ के आधार पर लिया। लेकिन उन्होंने पार्टी को पहले ही कह कर आगाह किया था कि प्रवीण पाठक को टिकट नही मिलना चाहिए लेकिन पार्टी ने उनकी बात नही सुनी। ग्वालियर शहर अध्यक्ष होने के नाते ग्वालियर लोकसभा सीट को लेकर पार्टी आलाकमान को लिखकर कहा था कि जो कार्यकर्ताओं के बीच में ना आता हो, पार्टी के धरना प्रदर्शन में ना आता हो, पार्टी के संघर्ष में साथ खड़ा ना होता हो यदि ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया जाता है तो अब तक चल गया लेकिन अब नहीं चल पाएगा। ऐसे में उन्होंने पार्टी आलाकमान को कह दिया था कि जिसे अध्यक्ष बनाना हो, अब उसे अध्यक्ष बना दें,पर अब मुझे पद से मुक्त करें।

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