INDORE एक माह में पूर्ण भिक्षावृत्ति मुक्त शहर बनाया जायेगा, कलेक्टर का ऐलान


मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने अपनी टीम के अधिकारियों के साथ एक मीटिंग के बाद ऐलान किया है कि अगले 1 महीने में इंदौर शहर पूरी तरह से भिक्षावृत्ति मुक्त शहर बन जाएगा। कलेक्टर ने इंदौर में भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम 2023 की धारा 163 के तहत भिक्षावृत्ति को प्रोत्साहन देने पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब जो भी व्यक्ति इंदौर में किसी को भीख देगा अथवा नाबालिग बच्चों से कोई सामान खरीदेगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। 

माहौल बन गया है, अब मिशन शुरू करें, कलेक्टर के निर्देश

बैठक में नगर निगम आयुक्‍त श्री शिवम वर्मा, स्मार्ट सिटी के सीईओ श्री दिव्यांक सिंह, नगर निगम के अपर आयुक्त श्री सिद्धार्थ जैन, महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी श्री रामनिवास बुधोलिया सहित नगर निगम के सभी झोनल अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग के मैदानी अधिकारी आदि मौजूद थे। बैठक में कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने कहा कि इंदौर को भिक्षावृत्ति से मुक्त शहर बनाने के लिए चलाये जा रहे अभियान के सकारात्मक परिणाम दिखने लगे है। इस अभियान को और अधिक गति देकर प्रभावी बनाने की जरूरत है। शहर को अगले एक माह में पूर्ण भिक्षावृत्ति मुक्त शहर बनाया जायेगा। 

इंदौर में भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम 2023 की धारा 163 के तहत प्रतिबंध

इसके लिए जरूरी है कि सभी अधिकारी मिशन मोड में काम करें। उन्होंने कहा कि भिक्षा वृत्ति/बाल भिक्षा वृत्ति की रोकथाम के संबंध में भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम 2023 की धारा 163 के तहत जारी प्रतिबंधात्मक आदेश का भी कड़ाई से पालन कराया जाये। साथ ही ऐसे भिक्षुकों जो बार-बार समझाइश देने के बावजूद भी नहीं मान रहें उनकी सूची तैयार की जाये। ऐसे भिक्षुकों को सेवा धाम उज्जैन अथवा उनके पैतृक स्थान भेजने की व्यवस्था की जाये। इसके लिए उन्होंने नगर निगम को एक नोडल अधिकारी बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए बनाये गये दलों के सदस्यों से कहा कि वे पूर्ण सक्रियता से कार्य करें। चौराहों और मंदिरों के बाहर सतत निगरानी रखें। वे नियमित रूप से लगातार भ्रमण करते रहें। 

इंदौर में नाबालिग बच्चों को भीख देने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी

बताया गया कि भिक्षा वृत्ति/बाल भिक्षा वृत्ति की रोकथाम के संबंध में भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम 2023 की धारा 163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये गये हैं। जारी आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। उल्लंघन दण्डनीय अपराध के श्रेणी में आयेगा। जारी आदेश के अनुसार भीख मांगने वालों को कुछ भी देना या नाबालिग बच्चों से किसी सामान को खरीदना इस आदेश से निषेध किया गया है। इसका उल्लंघन दण्डनीय होगा। जो व्यक्ति भिक्षुओं या किसी नाबालिग बच्चे को भीख स्वरूप कोई चीज प्रदान करता है या देता है या नाबालिग बच्चे से कोई सामान खरीदता हैं तो उसके विरूद्ध भी इस आदेश के उल्लंघन पर कानूनी कार्यवाही की जायेगी। यह आदेश 14 सितम्बर 2024 तक प्रभावशील रहेगा। 

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