MP में धर्मांतरण का बड़ा खेल: हिन्दू संगठन की सक्रियता से हुआ पर्दाफाश, मामला दर्ज


सुशील खरे, रतलाम। मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के जावरा में धर्मांतरण के आरोप पर प्रदर्शन को 24 घंटे ही हुए थे कि आदिवासी बहुलय ग्राम आमलीपाडा में आदिवासियों के धर्मांतरण का बडा षडयंत्र सामने आया है। हिंदू संगठनों की सक्रियता से धर्मांतरण के इस खेल का पर्दाफाश हुआ है। आमलीपाडा में मुख्य सड़क से काफी दूर एक खेत में चर्च बनाकर आदिवासियों को बीमारियां और दुख-दर्द ठीक करने का प्रलोभन देकर ईसाई बनाया जा रहा था। फिलहाल, पुलिस ने इस मामले में चर्च संचालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

दरअसल, विहिप के जिला मंत्री गौरव शर्मा को सूचना मिली थी कि आमलीपाडा में ईसाई मिशनरी चर्च बनाकर भोले-भाले आदिवासियों को बीमारियां ठीक करने और दुख-दर्द दूर करने के नाम पर ईसाई बनाया जा रहा है। इस अस्थाई से चर्च में हर रविवार को प्रार्थना का आयोजन किया जाता है। जिसमें बडी संख्या में आदिवासी महिला-पुरुष शामिल होते हैं। सूचना के आधार पर गौरव शर्मा कार्यकर्ताओं के साथ मौके पर पंहुचे। सूचना सही होने पर उन्होंने इस बात की सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलने पर दीनदयाल नगर थाना प्रभारी रवींद्र दंडोतिया वहां पहुंचे और चर्च संचालित करने वाले प्रभू मचार नामक व्यक्ति को थाने पर लेकर आए।

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मौके पर पहुंचे पत्रकारों ने देखा कि चर्च में बडी संख्या में आदिवासी महिलाएं और पुरुष प्रेयर के लिए पहुंचे थे। इनमें से अधिकांश महिला-पुरुषों का जबरदस्त ब्रेनवाश किया जा चुका था। मीडिया से चर्चा करते हुए अधिकांश महिलाओं ने बताया कि उन्होंने अपनी अलग-अलग बीमारियों का कई जगहों पर इलाज करवाया, लेकिन उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ। लेकिन चर्च में यीशु मसीह की प्रेयर करने पर उनकी सारी बीमारियां ठीक हो गईं।

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चर्च संचालक प्रभु मचार की नियुक्ति का प्रमाण पत्र और परिचय पत्र भी पडे़ थे। चर्च के भीतर ईसाई धर्म से संबंधित तस्वीर और बाइबिल इत्यादि भी रखे हुए थे। रविवार की प्रार्थना में आने वाले लोगों को भोजन भी यहीं कराया जाता था। हांलाकि, वहां मौजूद लोग इस बात से इंकार कर रहे थे कि उन्हें भोजन कराया जाता है। लेकिन मीडिया ने वहां देखा कि गैस, भट्टी और भोजन तैयार करने के साधन वहां उपलब्ध थे। सबसे बड़ा सवाल यह है कि शहर के नजदीक ही पिछले कई बरसों से आदिवासियों को धर्मांतरित करने का कुचक्र चल रहा है, लेकिन न तो किसी सरकारी एजेंसी और न ही हिंदूवादी संगठनों को अब तक इसकी भनक लग पाई थी। आदिवासी क्षेत्रों के लिए तमाम तरह की सरकारी योजनाएं क्रियान्वित की जाती है। स्वास्थ्य सुविधाएं भी मुहैया कराई जाती है।

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ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाली सरकारी एजेंंसियों में किसी ने भी आज तक इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया की 12 सालों से वहां धर्मांतरण की प्रक्रिया चल रही है। चर्च संचालक पर केस दर्ज कर पुलिस ने लाखिया गांव में चर्च संचालित कर रहे प्रभु मचार के खिलाफ केस दर्ज किया है। फिलहाल, पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है।

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