डॉ मेघना श्रीवास्तव के नाम की दमोह में दहशत, क्लीन चिट के बावजूद ऑपरेशन पर रोक


मध्य प्रदेश के दमोह जिले में डीआर मेघना श्रीवास्तव का नाम काफी सुर्खियों में है। उन पर आरोपी की उन्होंने प्रसव के दौरान गलत तरीके से ऑपरेशन किया जिससे तीन महिलाओं की मृत्यु हो गई है। सिविल सर्जन डॉक्टर राजेश नामदेव का कहना है कि, डाक्टर मेघना ने ऑपरेशन में कोई गलती नहीं की थी। जांच में उन्हें निर्दोष बताया गया है परंतु फिर भी सिविल सर्जन ने उन पर प्रतिबंध लगा दिया है। उन्हें प्रसव के लिए ऑपरेशन करने से मना कर दिया गया है। 

डॉ मेघना श्रीवास्तव के विवादित मामले

केस नंबर 1 – श्रीमती लक्ष्मी चौरसिया (एडवोकेट) का दिनांक 4 जुलाई को डॉक्टर मेघना श्रीवास्तव ने प्रसव के लिए ऑपरेशन किया था।रात 10:18 बजे लक्ष्मी ने बेटे को जन्म दिया। रात लगभग 3 बजे उसे पेट और सीने में दर्द होने लगा। मुंह से झाग आना शुरू हुआ। लक्ष्मी को आईसीयू में शिफ्ट किया गया। कुछ देर बाद ही लक्ष्मी की गर्दन एक और लुढ़क गई। नर्स ने बताया कि लक्ष्मी की मौत हो गई। 

केस नंबर 2 – नईम खान निवासी हटा की पत्नी हुमा का ऑपरेशन भी दिनांक 4 जुलाई को डॉक्टर मेघना श्रीवास्तव द्वारा किया गया। रात 9:58 पर हुमा ने बेटी को जन्म दिया। ऑपरेशन के बाद उसे आईसीयू में शिफ्ट किया गया। उसका पेट फूलने लगा था। 5 अगस्त की सुबह 7 बजे बताया गया कि हुमा की किडनी फेल हो गई। जान बचाने के लिए जबलपुर ले गए। 9 बार डायलिसिस हुआ परंतु 23 जुलाई को हुमा की मृत्यु हो गई। 

केस नंबर 3 – नयागांव की रहने वाली हर्षना साइंस ग्रेजुएट थी। 4 जुलाई को रात 10:50 बजे प्रसव के लिए ऑपरेशन किया गया। 5 जुलाई की दोपहर 2.30 बजे हर्षना की तबीयत बिगड़ने लगी। उसके सीने में तेज दर्द होने लगा, सांस लेने में परेशानी होने लगी। उसे आईसीयू में शिफ्ट किया गया। रात 8.30 बजे हर्षना की सांसें थम गईं। 

ऐसी जांच करवाई जाए जिस पर जनता भी विश्वास करें

डाक्टर मेघना श्रीवास्तव के अलावा डॉ रविंद्र कुमार और डॉक्टर गीतांजलि द्वारा प्रसव के लिए के ऑपरेशन में 1-1 महिला की मृत्यु हुई है, लेकिन डाक्टर मेघना श्रीवास्तव के विवादित मामलों की संख्या सबसे ज्यादा है। सिविल सर्जन ने जांच के बाद स्पष्ट कर दिया कि डाक्टर मेघना श्रीवास्तव की कोई गलती नहीं है। महिलाएं अपनी मौत के लिए स्वयं जिम्मेदार हैं, लेकिन फिर भी लगातार शिकायतों का सिलसिला जारी है। पीड़ित परिवार, जांच पर विश्वास नहीं कर रहे हैं। मीडिया ट्रायल भी चल रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि डाक्टर मेघना श्रीवास्तव ने 4 जुलाई की रात में तीन महिलाओं के ऑपरेशन किए और तीनों की मृत्यु हो गई। बहुत जरूरी है कि इस मामले की कोई ऐसी जांच करवाई जाए जिसकी रिपोर्ट पर जनता भी विश्वास करें ताकि यदि डाक्टर मेघना श्रीवास्तव निर्दोष है, तो उनकी प्रतिष्ठा बचाई जा सके और यदि डाक्टर मेघना श्रीवास्तव को सचमुच ऑपरेशन करना नहीं आता तो अन्य महिलाओं की जान बचाई जा सके। एक सवाल यह भी है कि जब सिविल सर्जन या मानते हैं कि डाक्टर मेघना श्रीवास्तव नहीं ऑपरेशन में कोई गलती नहीं की है तो फिर उन्हें ऑपरेशन करने से क्यों रोक दिया गया है। 

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