हंगामे के बीच हुई पीआईसी की बैठक: CMO पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप, डिवाइडरों पर पेड़ पौधो का मुद्दा भी गरमाया


सतीश दुबे, डबरा। डबरा नगर पालिका में पीआईसी की बैठक में जबरदस्त हंगामा देखने को मिला। बैठक में वार्ड 11 के पार्षद और पीआईसी सदस्य धर्मेंद्र सिंह हैप्पी ने सीएमओ प्रदीप भदोरिया पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। इतना ही नहीं उन्होंने तथ्यहीन दस्तावेज दिखाते हुए सीएमओ के ऊपर दस्तावेज भी फेंक दिए। पीआईसी सदस्य और पार्षद धर्मेंद्र सिंह हैप्पी का आरोप था कि सीएमओ प्रदीप भदौरिया द्वारा पीएम आवास योजना और शहर में बिछाई गई 55 करोड़ की लागत से अमृत योजना में बड़ा भ्रष्टाचारी किया गया है।

बैठक में इन बिंदुओं पर हुई चर्चा

डबरा नगर पालिका क्षेत्र में विकाश कार्यो को बढ़ावा देने परिषद भवन में पीआईसी की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में 5 से 6 बिंदुओं पर चर्चा की गई, जिसमे बानको कंपनी द्वारा 55 करोड़ की लागत से बिछाई गई पानी की लाइन में भ्रष्टाचार और पीएम आवास योजना में भ्रष्टाचार मुख्य बिंदु रहे। वार्ड 11 के पार्षद और पीआईसी सदस्य धर्मेंद्र सिंह हैप्पी और वार्ड 17 के पार्षद और पीआईसी सदस्य विक्की दुबे सहित सभी सदस्यों का आरोप था कि अमृत योजना में हुए भ्रष्टाचार के कारण शहर को गंदे पानी की सप्लाई आए दिन की जाती है।

सीएमओ पर लगे गंभीर आरोप

पाइपलाइन आए दिन फूट रही है सीएमओ द्वारा नगर पालिका के कर्मचारियों से अमृत योजना के कार्यों में सहयोग लिया जाता है। इस योजना की बिना मॉनिटरिंग किए काम पूरा किया गया है। वही पीएम आवास योजना में सीएमओ प्रदीप भदोरिया और नगर पालिका में निजी तौर पर काम कर रहे कर्मचारी राहुल गुप्ता द्वारा बड़ा भ्रष्टाचार किया जा रहा है। जियो टैग कंप्लीट हो चुके हितग्राहियों के पेमेंट न कर अधूरे आवास वाले अन्य हितग्राहियों को भुगतान पैसे लेकर किए जाते हैं। वही सभी पिक सदस्यों ने इस भ्रष्टाचार को लेकर सीएमओ पर कार्यवाही की मांग भी की है।

डिवाइडरों पर पेड़ पौधो का मुद्दा भी गरमाया

वही इस बैठक में सिंधिया चौराहे पर 20 लाख रुपए की लागत से नवीन स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की प्रतिमा लगाने पर भी प्रस्ताव सहमति से बनाया गया। इतना ही नहीं 60 लाख खर्च कर बारिश के बीच शहर के नाले नालियां साफ करने पर भी सभी ने सहमति बनाई। तो वही तमाम ऐसे कर्मचारी जो नगर पालिका में बैठकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं उनको स्थानांतरित कर अन्य सखाओ में पदस्थ करने और कर्मचारियों की समीक्षा पर भी PIC सदस्यों ने अपना पक्ष रखा। पिछले साल मानसून के दौरान लगाए गए डिवाइडरों पर पेड़ पौधो का मुद्दा भी अहम रहा। जानकारी के लिए बतादें कि, डिवाइडर पर लगाए गए एक भी पेड़ नहीं बचे हैं।

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