शिक्षक हो तो ऐसाः बच्चों ने स्कूल जाना किया बंद, तो टीचर ढोल बजाकर पहुंचे घर


इन्द्रपाल सिंह, नर्मदापुरम। सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों के लापरवाही या गैरहाजरी के किस्से तो आपने कई सुने होंगे, पर आज हम आपको एक ऐसे सरकारी स्कूल के शिक्षक की पहल को बताएंगे जिसकी तारीफ आप जरूर करेंगे।

नर्मदापुरम के सिवनी मालवा तहसील के ग्राम लही के प्राइमरी स्कूल में बच्चे पढाई के लिए नहीं आते थे, पर वहां पढ़ाने वाले शिक्षक एक अलग अंदाज में बच्चों के घरों घर पहुंचकर बच्चों को स्कूल लेकर आते हैं। जबकि बच्चे नहीं आने से स्कूल बंद होने की कगार पर पहुंच चुका था, लेकिन शिक्षक की मेहनत के चलते अब स्कूल में बच्चों की उपस्थिती होने लगी है।

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नर्मदापुरम जिले की सिवनी मालवा के लही गांव के एक प्राइमरी स्कूल में स्कूली बच्चे लगातार अनुपस्थित रहते थे। कोई बच्चा स्कूल नहीं आता था, यह समस्या देखते हुए बच्चों को स्कूल लाने के लिए वहां के शिक्षक संजू बारंगे ने एक अनूठा काम किया। शिक्षक गांव में ढोल बजा कर बच्चों के घर-घर पहुंचने लगे।

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जो बच्चा अनुपस्थित रहता शिक्षक संजू उसके घर के सामने ढोल बजाते और उसे अपने साथ स्कूल लेकर आते। इस कार्य को देख गांव के लोग भी खुश हुए और शिक्षक संजू को प्रोत्साहित करने लगे। गैरहाजिर हर बच्चे के घर शिक्षक संजू पहुंचने लगे और सभी बच्चों को अपने साथ स्कूल लेकर आने लगे। शिक्षक की इस पहल से अब स्कूल में बच्चे पढ़ाई करने के लिए पहुंच रहे हैं।

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