गौ माता के प्रति ऐसा प्रेम: गाय के निधन के बाद अंतिम संस्कार, हरिद्वार में अस्थि विसर्जन, अब ग्रामीणों ने की पगड़ी रस्म, 5 हजार लोगों के लिए भंडारा का आयोजन
रेणु अग्रवाल, धार। अब तक आप सभी ने इंसानों की मौत के बाद अंतिम संस्कार और पगड़ी रस्म कार्यक्रम देखा होगा। लेकिन मध्य प्रदेश में एक गाय के प्रति लोगों का प्रेम देखने को मिला जहां गौ माता की मृत्य के बाद उनके लिए पगड़ी रस्म पूरा किया। यही नहीं, 5 हजार लोगों के लिए भंडारे का भी आयोजन किया गया। गौ के लिए ऐसा प्रेम देखने के बाद अब इसकी चारों ओर चर्चा हो रही है। धार जिला के बदनावर तहसील के ग्राम बालोदा में ग्रामीणों ने एक अनूठी मिसाल पेश की है।

गौशाला की पहली गाय थी कपिला
ग्राम बालोदा में 2008 में शुरू की गई निर्मोही गौशाला में प्रथम गाय थी, जिसका नाम ग्रामीणों ने कपिला रखा था। उसकी मौत 16 जून को हो गई थी। जिसके बाद बैंड बाजा के साथ शव यात्रा निकालकर अंतिम संस्कार किया गया। साथ ही तीसरे दिन उसकी अस्थियों को हरिद्वार में विसर्जन भी किया गया। और आज पगड़ी की रस्म की गई।

गौशाला अध्यक्ष रमेश चंद्र परमार ने बताया कि महंत जगनदास जी की प्रेरणा से हमने गौ माता की पगड़ी का कार्यक्रम रखा। उन्होंने कहा कि जो सनातन धर्म में गाय को जो महत्व मिलना चाहिए, वह नहीं मिल रहा है। इसलिए यह कार्यक्रम रखा गया जिससे लोग गौ माता के प्रति जागरूक हो सकें। उन्होंने यह भी कहा कि यहां पर उनकी समाधि बनाकर एक मूर्ति भी स्थापित करने की तैयारी की जा रही है। एक तरफ जहां देश भर में गौ माता की हत्या और तस्करी की घटनाएं सामने आ रही हैं। इस नेक पहल से उम्मीद है कि इन पर लगाम लगे और लोग गौ माता को सम्मान दिया जाए।

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