डॉ मोहन यादव सरकार का असली चेहरा अब दिखाई देगा, एक सप्ताह में हुए बड़े बदलाव


मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की पॉलिसी का असर जल्द ही जनता को दिखाई देने लगेगा। पिछले एक सप्ताह में डॉ मोहन यादव ने कई बड़े बदलाव किए हैं जिनके कारण वह देशभर की मीडिया हेडलाइंस में छाए हुए हैं। 

सभी सरकारी अधिकारी कर्मचारी सुबह 10:00 बजे ऑन ड्यूटी 

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने हाल ही में सख्ती के साथ आदेश जारी किए हैं कि मध्य प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालय में सुबह 10:00 बजे कामकाज शुरू हो जाएगा और नॉनस्टॉप शाम 6:00 बजे तक चलता रहेगा। शासन स्तर पर इस प्रकार के निर्देश अक्सर जारी होते रहते हैं परंतु मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सरकारी कार्यालय में अनुशासन को मिशन बना दिया है। स्पष्ट आदेश जारी किए हैं कि यदि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी इस निर्देश का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्रवाई की जाएगी। मैसेज बहुत लाउड एंड क्लियर है। सभी को समय पर ऑफिस में आना है और जनता से जुड़े हुए सभी काम निर्धारित समय पर पूरे होने चाहिए। 

आईएएस अधिकारियों की सूझबूझ भरी पदस्थापना

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश पर हाल ही में भारतीय प्रशासनिक सेवा के 14 अधिकारियों की नवीन पदस्थापना सूची जारी हुई है। प्रशासनिक मामलों के जानकारों का कहना है कि, श्रीमती अरुण रश्मि शमी, एम सेलेवेन्द्रन, धनराजू एस. और सुदाम खाड़े जैसे अधिकारियों की पोस्टिंग का असर जल्द ही जनता को दिखाई देगा। श्री कृष्ण गोपाल तिवारी जैसे कर्मठ आईएएस को नर्मदापुरम संभाग का कमिश्नर बनाकर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि वह जनता के लिए काम करने वाले अधिकारियों का संरक्षण करेंगे। 

विधानसभा में सवालों से भागेंगे नहीं बल्कि स्वागत करेंगे

प्रदेश में 1 जुलाई से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होना है। इस संबंध में सीएम डॉ. यादव ने बकायदा एक बैठक लेकर विधानसभा सत्र के लिए सरकारी विभागों की कार्यवाही की जानकारी ली। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बैठक में अधिकारियों से कहा कि विधानसभा के आगामी सत्र के लिए विभाग और विभागाध्यक्ष प्रश्नों के उत्तर भेजने के साथ ही विभागीय उपलब्धियों का विवरण भी तैयार रखें। विधानसभा एक ऐसा माध्यम है, जहां शासन के श्रेष्ठ कार्यों की जानकारी दिए जाने से आमजन तक भी महत्वपूर्ण सूचनाएं पहुंच जाती हैं। विधायकों के पूछे गए प्रश्नों के उत्तर समय-सीमा में भेजे जाएं। उत्तर के रूप में भेजी गई जानकारी भी संपूर्ण एवं प्रासंगिक होना चाहिए। इसी तरह जनकल्याण से जुड़ी राज्य शासन की प्राथमिकताओं का ब्यौरा भी इसमें शामिल होना चाहिए।

मुख्यमंत्री के निर्देशों ने स्पष्ट कर दिया है कि वह विधानसभा में सवालों से भागेंगे नहीं बल्कि उनका स्वागत करेंगे और विधानसभा के मानसून सत्र का पूरा उपयोग करेंगे। वह विधानसभा के मानसून सत्र को एक अवसर की तरह देख रहे हैं, जिसके माध्यम से सरकार के मिशन और विजन की जानकारी आधिकारिक रूप से जनता तक पहुंचाई जा सकती है। 

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