ग्वालियर संभागीय बैठक: कांग्रेस विधायकों ने विकास कार्यों में सौतेले व्यवहार का लगाया आरोप, बीजेपी ने बताया गलत


कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में ACS और ग्वालियर संभाग के प्रभारी केसी गुप्ता ने संभागीय बैठक ली. बैठक में ग्वालियर संभाग के सभी जिलों के विधायकगण, कलेक्टर और संभागीय अधिकारियों की मौजूदगी रही. बैठक में कांग्रेस विधायकों ने विकास कार्यों में सौतेले व्यवहार का आरोप लगाया. वहीं BJP विधायकों ने कांग्रेस विधायकों के आरोपों को सरासर गलत बताया.

दरअसल, ACS ने जनवरी माह में ली गई बैठक में जनप्रतिनिधियों के दिए गए सुझावों पर हुए अमल की समीक्षा को लेकर बैठक का आयोजन किया. संभाग आयुक्त कार्यालय में आयोजित बैठक में संभाग के सभी विधायक कलेक्टर और अधिकारी मौजूद रहे. बैठक में विधायकगणों के सुझावों के आधार पर जिलेवार और विधानसभावार विकास की कार्ययोजना तैयार करने पर चर्चा की गई. लेकिन बैठक में मौजूद कांग्रेस विधायकों ने अपने विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों को लेकर सरकार पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया. कांग्रेस विधायकों ने एक साथ मिलकर कहा कि उनके क्षेत्र में सड़क, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं को लेकर जनता परेशान है. लेकिन जिम्मेदार अधिकारी और सरकार कोई ठोस कदम नहीं ले रही है. जिससे साफ जाहिर होता है कि क्षेत्र की जनता के साथ शासन और प्रशासन दोनों ही सौतेला व्यवहार कर रहे हैं.

कांग्रेस विधायकों के आरोपों पर भाजपा विधायक देवेंद्र जैन ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस विधायकों के आरोप सरासर गलत हैं. बैठक में उन्होंने कहा था कि जब सत्ता पक्ष के विधायक की परेशान है तो हम भी परेशान होने के लिए तैयार हैं. भाजपा विधायक ने भी इस बात को स्वीकार किया कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के सभी विधायकों के इलाकों में सड़क बिजली पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से जुड़ी परेशानियों से लोग जूझ रहे. ऐसे में ACS के जरिए सीएम तक अपनी परेशानी को भेजा है. ताकि जल्द उनका समाधान हो सके और जनता को उसका लाभ मिल सके.

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में जनवरी महीने में ग्वालियर में आयोजित हुई संभागीय बैठक में जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान में लाई गईं समस्याओं, सुझावों और मांगों पर अब तक हुई कार्रवाई की समीक्षा को लेकर यह बैठक आयोजित हुई. जिसमें अतिरिक्त मुख्य सचिव केसी गुप्ता ने सभी जिला कलेक्टर को निर्देश दिए कि सांसदगण और अपने-अपने जिले के विधायकगणों से सुझाव लेकर एक हफ्ते के भीतर जिलेवार- विधानसभा क्षेत्रवार पांच वर्षीय विकास विजन तैयार करें. उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि पांच वर्षीय विजन में पहले दो साल के भीतर और उसके अगले तीन साल में कौन-कौन से कार्य कराए जाने हैं. उनका स्पष्ट उल्लेख भी करें. बैठक में संभाग के सभी जिलों से संबंधित कुल मिलाकर 170 समस्यायें, सुझाव और मांगें प्राप्त हुई थी. इनमें से 77 का निराकरण किया जा चुका है और 81 निराकरण के अंतिम चरण में है.

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