मध्य प्रदेश से इंद्र नाराज, हर घंटे 2500 वज्रपात, पूरे भारत में सबसे ज्यादा बिजली गिर रही है


भारतीय धर्म ग्रंथो के अनुसार जब देवताओं के राजा इंद्र नाराज होते हैं तो वज्रपात करते हैं। मध्य प्रदेश में इन दिनों हर घंटे 2500 वज्रपात हो रहे हैं। यानी आसमान से हर घंटे 2500 बार बिजली मध्य प्रदेश की जमीन पर गिर रही है। यह संख्या पूरे भारत में सबसे ज्यादा है। मध्य प्रदेश पर एक ऐसी आपदा आ गई है, जिसकी कल्पना भी नहीं की गई थी। यदि यह संख्या इसी प्रकार बढ़ती चली गई तो पूरे प्रदेश में त्राहि त्राहि की स्थिति बन जाएगी। भोपाल के प्रतिष्ठित पत्रकार श्री उदित शर्मा की एक रिपोर्ट बताती है कि, मध्य प्रदेश में वह वज्रपात की घटनाएं भारत में सबसे ज्यादा हो रही है, और इसके कारण मरने वाले इंसानों एवं जानवरों की संख्या भी मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा है।

मध्य प्रदेश में हर साल लाइटनिंग स्ट्राइक्स से मौत के मामले बढ़ रहे हैं 

ज्यादातर बिजली जंगल और ग्रामीण क्षेत्रों में गिरती है। इसके कारण सबसे ज्यादा पशुओं की मृत्यु होती है। इसके अलावा किसानों और ग्राामीण लोगों की मृत्यु होती है। यह आंकड़ा हर साल बढ़ता जा रहा है। साल 2001 में 275 लोगों की मौत हुई थी। साल 2013 में यह आंकड़ा 400 से ज्यादा होने लगा और हर साल लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले 5 वर्षों में यानी 2019 से लेकर 2024 तक आकाश से जमीन पर बिजली गिरने आंकड़ा 62 फीसदी बढ़ा है। वर्ष 2019 में 5,91,838 बार बिजली गिरी वहीं 2022 में ये आंकड़ा 9,41,663 तक पहुंच गया। 2021 से 2022 के बीच इसमें सबसे ज्यादा बढ़ोतरी देखी गई है। 2023-24 में अब तक 6 लाख से ज्यादा बार लाइटनिंग स्ट्राइक हुई है।

मौसम विज्ञान क्या कहता है – General knowledge

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार और भारतीय मौसम विभाग के अनुसार पानी के बहुत छोटे-छोटे कणों से मिलकर बादल बनते हैं। इस प्रक्रिया में पानी के कण एक दूसरे से टकराते हैं जिसके कारण उनमें विद्युत आवेश यानी बिजली पैदा हो जाती है। क्योंकि बादलों के पास कोई अर्थिंग नहीं होती इसलिए वह बिजली बादलों के अंदर दौड़ती रहती है। इसे बादलों में बिजली का चार्ज होना भी कहते हैं। हम जानते हैं कि बिजली के आवेश नेगेटिव और पॉजिटिव होते हैं। बादलों में जब बिजली बनती है तो किसी बादल में नेगेटिव और किसी बादल में पॉजिटिव बिजली चार्ज हो जाती है। जब इस प्रकार के दो बदल आपस में टकराते हैं तो बिल्कुल वही होता है जो हमारे घर में बिजली के नेगेटिव और पॉजिटिव वायर को आपस में टकराने से होता है। एक तेज शॉर्ट सर्किट जिसके कारण कई बार घर में आग लग जाती है। बिल्कुल वैसा ही शॉर्ट सर्किट आसमान में बादलों के बीच होता है। अर्थिंग के लिए यह बिजली तेजी से जमीन की तरफ भागती है। इसी प्रक्रिया को वज्रपात, या बिजली का गिरना, या थंडरस्टॉर्म, अथवा लाइटनिंग स्ट्राइक्स कहते हैं। यदि ऐसा नहीं होगा तो बादल फट जाएंगे और उसके नीचे का इलाका पानी में डूब जाएगा। 

भारतीय धर्मशास्त्र क्या कहते हैं 

भारतीय शास्त्रों के अनुसार वज्रपात तब होता है जब भगवान इंद्र नाराज हो जाते हैं। भगवान इंद्र जल देवता, वायु देवता इत्यादि सभी देवताओं के राजा बताए गए हैं। भारतीय धर्म शास्त्रों की यह मान्यता विज्ञान की काफी नजदीक है। ऐसे सभी हेतु जो पृथ्वी पर जीवन के लिए आवश्यक है परंतु जिनका निर्माण मनुष्यों ने नहीं किया है, उन्हें देवता घोषित कर दिया गया है। पृथ्वी पर जीवन के लिए जल, पवन, सूर्य, चंद्रमा इत्यादि सभी घोषित देवताओं की स्वस्थ उपस्थिति अनिवार्य है। शास्त्र कहते हैं कि जब मनुष्य, देवताओं के काम में बाधा उत्पन्न करते हैं, अथवा उन्हें नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं। तब इंद्र नाराज हो जाते हैं और वज्रपात होता है। 

यदि इस थ्योरी को सही मान लिया जाए तो क्या मध्यप्रदेश में कुछ ऐसा हो रहा है जो पर्यावरण के लिए, जल संरचनाओं के लिए, एयर क्वालिटी के लिए खतरनाक है। क्या इसके कारण मध्य प्रदेश में बिजली गिरने की घटनाएं बढ़ रही है। 

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मध्य प्रदेश में लाइटनिंग स्ट्राइक्स की घटनाएं इसलिए बढ़ रही है क्योंकि भारत के पश्चिम और दक्षिण में स्थित समुद्र में तूफानों की संख्या बढ़ रही है। यदि वैज्ञानिकों की इस थ्योरी को सही मान लिया जाए तो भविष्य में यह संख्या और बढ़ेगी और एक दिन मनुष्यों को मध्य प्रदेश से पलायन करना पड़ेगा। सवाल यह है कि क्या, हम मध्य प्रदेश के लोग और मध्य प्रदेश की सरकार इस प्राकृतिक आपदा से बचने के लिए किसी गतिविधि का संचालन कर सकते हैं? 

विनम्र अनुरोध 🙏कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें। इन सबकी डायरेक्ट लिंक नीचे स्क्रॉल करने पर मिल जाएंगी। मध्य प्रदेश के महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में Madhyapradesh पर क्लिक करें।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *