बस स्टैंड विवाद मामले में पूर्व मंत्री की एंट्री: गोपाल भार्गव ने सीएम मोहन को लिखा पत्र, कहा- पुराने स्टैंड से ही बसों का संचालन जारी रखा जाए


उमेश यादव, सागर। मध्य प्रदेश के सागर जिले में बस स्टैंड को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। अब इस मामले में पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव की भी इंट्री हो चुकी है। उन्होंने सीएम डॉ मोहन यादव को पत्र लिखकर पुराने बस स्टैंड से ही बसों का संचालन जारी रखने की मांग की है। उन्होंने पत्र में लिखा कि नए बस स्टैंड दूर और अव्यवहारिक जगह पर होने से लोगों को परेशानी हो रही है। नए बस स्टैंड में आम नागरिकों असुविधा हो रही है, लेकिन भूमाफिया की रुचि जरूर दिखाई दे रही है।

दरअसल, 16 मई को सागर का पुराना बस स्टैंड जो कि शहर की घनी आबादी के बीच था, उसे शहर से दूर बनाए गए दो नए बस स्टैंड पर शिफ्ट कर दिया गया था। पुराने बस स्टैंड से अचानक नए बस स्टैंड से बसों के संचालन का प्रशासन ने सख्ती से पालन तो कराया और नए बस स्टैंड से आवागमन शुरू भी हुआ। लेकिन अब मुश्किलें सामने आने लगी है। एक तरफ पुराने बस स्टैंड पर संचालित करीब 200 दुकानदार बेरोजगार हो गए, वहीं अब यात्रियों को शहर से बस स्टैंड पहुंचने में टैक्सी का अतिरिक्त खर्च बढ़ गया है। इस वजह से यात्री बस स्टैंड न पहुंचकर उन रास्तों में बसों का इंतजार करने लगे हैं, जो बसें शहर से होकर गुजरती थी।

इस वजह से शहर में ट्रैफिक की समस्या बढ़ गई है। दूसरी तरफ बस ऑपरेटर्स का कहना है कि बसों को नए बस स्टैंड तक पहुंचने के लिए अब 20 से 25 किलोमीटर की दूरी और बढ़ गई है। जिस वजह से अतिरिक्त खर्च भी बढ़ गया है और यात्री भी नहीं मिल रहे हैं। इन सब परेशानियों से आहत बस ऑपरेटर्स ने आज बसों का संचालन बंद कर दिया और पुराने बस स्टैंड को फिर से शुरू करने की मांग को लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन दिया। इस दौरान बस ऑपरेटर्स के साथ पुराने बस स्टैंड के बेरोजगार हो चुके दुकानदार भी ज्ञापन देने पहुंचे थे।

बस ऑपरेटर्स यूनियन के अध्यक्ष संतोष पांडे ने कहा कि हमारी मांगे जब तक नहीं मानी जाएगी तब तक हम बसें नहीं चलाएंगे। दूसरी तरफ सागर कलेक्टर दीपक आर्य ने कहा कि नागरिकों की परेशानी और शहर में बढ़ते ट्रैफिक की वजह से नए बस स्टैंड बनाए गए है। बसों का शहर के अंदर आना खतरनाक भी है, इसलिए अभी कुछ रियायत देते हुए शहर के कुछ हिस्से से बसों को गुजरने की अनुमति दी गई थी, लेकिन कई जगह अघोषित बस स्टैंड जैसे हालात बनने से ट्रैफिक व्यवस्था फिर बिगड़ रही थी। इसलिए यह रियायत कल वापस ले ली गई है।

शहर के बाहर से तय किए गए मार्गों से ही बसें अब बस स्टैंड पहुंचेंगी। बस ऑपरेटर्स की हड़ताल के बारे के कलेक्टर दीपक आर्य ने कहा कि वे बस ऑपरेटर्स से बात करने को तैयार हैं, लेकिन जो व्यवस्था बनाई गई है, उसका पालन करना होगा। बस ऑपरेटर्स और प्रशासन के बीच बने इस टकराव के चलते आम नागरिक और यात्री खासे परेशान रहे। कई यात्री घंटे बस स्टैंड पर बैठे रहे और बस का इंतजार करते रहे। बस ऑपरेटर्स की इस हड़ताल से भोपाल, इंदौर, जबलपुर, छतरपुर, ललितपुर, नरसिंगपुर रुट पर आवागमन बिल्कुल बंद रहा।

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