कीचड़ भरे रास्ते से कैसे ‘स्कूल चले हम’ ? 2 मंत्रियों वाले जिले का हाल बदहाल, स्वतंत्र प्रभार मंत्री कब दिलाएंगे आजादी ?


बीडी शर्मा, दमोह। मध्य प्रदेश के दमोह में लबालब कीचड़ भरे रास्ते से छात्र स्कूल जाने के लिए मजबूर है। इन रास्तों पर अब तक सड़क नहीं बनी है। थोड़ी सी बारिश में ही यह कच्ची रोड कीचड़ से सराबोर हो जाती है। बच्चों को विद्यालय पहुंचने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है। जबकि इस जिले से दो विधायकों को मंत्री बनाया गया है। ऐसे में सवाल उठना लाजिम है कि जब मंत्रियों वाले जिले का यह हाल तो अन्य जिलों का क्या होगा ?

सरकार बच्चों की शिक्षा के लिए हर गांव में स्कूल संचालित कर रही है, लेकिन कुछ ऐसे भी गांव है, जहां स्कूलों तक बच्चों के पहुंचने की डगर आसान नहीं है। छात्रों को स्कूल आने जाने में बड़ी मशक्कतों का सामना करना पड़ता है। दरअसल, हम बात कर रहे है दमोह जिले के निमरमुंडा गांव की है। जहां से एक वीडियो सामने आया है। जिसमें स्कूली बच्चे घुटनों तक कीचड़ भरे रास्ते से होकर स्कूल जाते नजर आ रहे हैं।

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“स्कूल चले हम” अभियान के बावजूद यहां अब तक सड़क नहीं बनी है। मानसून में थोड़ी सी बारिश में यह रास्ता कीचड़ से भर जाता है। यह हाल उस जिले का है जहां सरकार के दो मंत्री प्रतिनिधित्व करते हैं। दमोह जिले से दो विधायकों को राज्य मंत्री बनाया गया है। इनमें जबेरा विधानसभा से विधायक धर्मेंद्र सिंह लोधी और पथरिया विधानसभा से लखन पटेल को स्वतंत्र प्रभार मिला है, इसके बावजूद यहां जमीनी हालात अब भी बदहाल हैं। ऐसे में आप खुद ही अंदाजा लगा सकते है कि प्रदेश के अन्य जिलों का क्या हाल होगा?

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