बड़ी खबर: अतिथि शिक्षकों को भी करना होगा ऑनलाइन अटेंडेंस, आदेश जारी


शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश के परमानेंट शिक्षकों में E अटेंडेंस को लेकर नाराजगी थमी नहीं है। इस बीच एक और आदेश जारी हो गया है जिससे टीचर्स की रातों की नींद उड़ जाएगी। दरअसल, अब प्रदेश के अतिथि शिक्षकों को भी E अटेंडेंस करना होगा। 

अतिथि शिक्षकों में नाराजगी

लोक शिक्षण संचालनालय की ओर से इसका आदेश जारी किया गया है। ऑनलाइन अटेंडेंस को लेकर अतिथि शिक्षकों में नाराजगी है। उनका आरोप है कि पुराने वादे पूरे नहीं किए और नए नियम थोप दिए गए हैं।

रायसेन में जताया था विरोध

बता दें कि कल ही रायसेन के बैगमगंज में संयुक्त मोर्चा शिक्षक संघ ने एसडीएम कार्यालय पहुंचकर शिक्षा विभाग के ई अटेंडेंस के आदेश का विरोध करते हुए एक ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम सौरभ मिश्रा को दिया था।

शिक्षकों के लिए ही क्यों ई अटेंडेंस का आदेश?

ज्ञापन में मांग की गई थी कि शिक्षकों को पर ही क्यों ईअटेंडेंस के आदेश जारी किए गए हैं ? अन्य विभागों के कर्मचारियों को क्यों छोड़ा गया? ई अटेंडेंस लगाने के शिक्षा विभाग के निर्देश मिलने पर प्रदेश भर में इसका तीखा विरोध किया जा रहा है। इसको रोकने के लिए मप्र के सभी शिक्षक लामबंद हो गए हैं।

ईअटेंडेंस को बताया अमानवीय 

ईअटेंडेंस को अमानवीय और अव्यवहारिक बताते हुए कहा गया कि इससे शिक्षकों की छवि पर प्रभाव पड़ेगा और उनका मनोबल गिरेगा। समाज में ये मैसेज जा रहा है कि शिक्षक वर्ग कामचोर होता है और अपनी ड्यूटी पूरी नहीं करता है। शिक्षा जैसे पवित्र कार्य  को करने और कड़ी मेहनत से अच्छा रिजल्ट देने का उन्हें यह इनाम दिया जा रहा है कि उनकी निष्ठा पर संदेह करते हुए इस प्रकार का आदेश निकाला गया है। जबकि तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इसे अपमानजनक व्यवस्था बताते हुए बंद कर दिया गया था।

संयुक्त मोर्चा शिक्षक संघ – सभी सरकारी कर्मचारियों पर लागू हो व्यवस्था

उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था पूरी तरह मोबाइल पर आधारित है जो स्कूल में मोबाइल के उपयोग को बढ़ावा देगी। इसके साथ ही मोबाइल का दुरुपयोग भी बढ़ेगा। अगर शिक्षकों के पास मोबाइल होगा तो उन्हें भौतिक रूप से दिनभर स्कूल में उपस्थित माना जाएगा। और अगर किसी शिक्षक के पास मोबाइल नहीं हुआ तो उसे अनुपस्थित माना जाएगा। शिक्षकों ने मांग की थी कि यह प्रक्रिया सभी सरकारी कर्मचारियों पर लागू किया जाए। जब तक ये सब पर लागू नहीं होती है ,तब तक शिक्षकों के लिए ये प्रक्रिया स्थगित की जाए।

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