पिता-पुत्र की हत्या कर कुएं में फेंकी लाश: आर्मी फायरिंग रेंज के जंगल से बरामद हुआ शव, बहन की मौत का बदला लेने दिया वारदात को अंजाम


पुरवेज खान, शिवपुरी. मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में पिता-पुत्र की हत्या कर शव को कुएं में फेंक दिया गया. दोनों दो दिन से लापता थे. पुलिस ने झांसी जिले की सीमा पर स्थित बबीना आर्मी फील्ड फायर एरिया के गढ़रौली जंगल में एक कुएं से शवों को बरामद किया है.

मृतकों की पहचान पिछोर थाना क्षेत्र के राजपुर गांव निवासी हरगोविंद लोधी (50) और पुष्पेंद्र लोधी (24) की रूप में हुई है. बताया जा रहा है कि आरोपियों ने अपनी बहन की हत्या का बदला लेने पिता-पुत्र की हत्या को अंजाम दिया है. पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि बाप-बेटे की कुल्हाड़ी और लाठियों से पीट-पीटकर हत्या की गई है.

शव को ट्रैक्टर में रखकर 8 किलोमीटर दूर फेंका

हत्या के बाद आरोपियों ने दोनों के शव को ट्रैक्टर में रखकर करीब 8 किलोमीटर दूर जंगल में ले जाकर कुएं में फेंक दिया. ताकि मामला आत्महत्या या गुमशुदगी लगे. फिलहाल, पुलिस ने कुछ आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. प्रथम दृष्टया हत्या का कारण पुरानी रंजिश और बहन की मौत का बदला लग रहा है.

कुएं से पिता की लाश बाहर निकालते हुए

फरार आरोपियों की तलाश जारी

हालांकि, मामले में जिन पर आरोप लगे हैं, वे फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश में दबिश दे रही है. वहीं कुछ आरोपियों को राउंडअप कर पूछताछ की जा रही है. शुरुआती पूछताछ में उन्होंने अपनी बहन अभिलाषा की मौत का बदला लेने की बात कबूली है.

2020 में हुई थी बहन की हत्या

बताया जा रहा है कि साल 2020 में राजपुर निवासी अभिलाषा लोधी की हत्या हुई थी, जिसमें मृतक हरगोविंद लोधी आरोपी था. उसे जेल भी जाना पड़ा था, लेकिन बाद में कोर्ट से बरी हो गया था. इस दौरान हरगोविंद का परिवार गांव छोड़कर बाचनौर चौराहा पर किराए के मकान में रहने लगा था.

बेटे का शव निकालते हुए

पुश्तैनी जमीन पर कब्जा

बाद में अभिलाषा के भाई ज्ञान सिंह लोधी, विजय लोधी और उनके अन्य परिजनों ने हरगोविंद की पुश्तैनी जमीन पर कब्जा कर लिया था. जेल से रिहा होने के बाद हरगोविंद लगातार जमीन वापस पाने के लिए भी प्रयास कर रहा था.

जमीन देखने गए थे, फिर नहीं लौटे

मृतक की बेटी स्वाति लोधी के अनुसार, 16 जून को 250 के तहत कार्रवाई के बाद प्रशासन ने जमीन पिता को सुपुर्द कर दी थी. लेकिन कुछ ही दिन बाद आरोपियों ने दोबारा जमीन पर कब्जा कर लिया.

अधिकारियों की सलाह पर पिता हरगोविंद और भाई पुष्पेंद्र के साथ जमीन देखने राजपुर गांव गए थे, तभी से दोनों लापता थे. शनिवार सुबह खेत पर उनके खून से सनी चप्पलें, कपड़े और टूटा मोबाइल मिलने से परिजन हत्या की आशंका जता रहे थे, जो आज सच साबित हुई.

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