MP पहुंची इटावा कथावाचक कांड की आंच: भीम आर्मी और दलित पिछड़ा समाज संगठन का ऐलान, मनुस्मृति जलाकर दर्ज कराएंगे विरोध


शिखिल ब्यौहार, भोपाल। उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के कांड को लेकर अब बवाल लगातार बढ़ता जा रहा है। मामले को लेकर भीम आर्मी और दलित पिछड़ा समाज संगठन ने मनुस्मृति ग्रंथ को जलाने का ऐलान किया है। 

दामोदर सिंह यादव बोले- 3 जुलाई को मनुस्मृति की प्रतियां जलाकर विरोध दर्ज कराया जाएगा

दलित पिछड़ा समाज संगठन के संस्थापक और भीम आर्मी के नेता दामोदर सिंह यादव ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि आगामी 3 जुलाई को मनुस्मृति की प्रतियां जलाकर विरोध दर्ज कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक भागवताचार्य के साथ केवल उनके पिछड़ा और यादव जाति से होने के कारण घटना को अंजाम दिया गया। मारपीट कर जबरन मुंडन की घटना समाज में व्याप्त जातिवादी मानसिकता को उजागर करती है। 

इटावा घटना के पीछे मनुवादी सोच को बताई वजह

उन्होंने कहा कि वर्ण व्यवस्था के अनुसार शूद्रों को किसी भी धार्मिक ग्रंथ को सुनने और पढ़ने का अधिकार नहीं है। पिछड़ा वर्ग इसी वर्ण में आता है। मनुवादी सोच के चलते ही इटावा में इस प्रकार की घृणित घटना को अंजाम दिया गया। उन्होंने कहा कि दलित पिछड़ा समाज संगठन (DPSS) ने आगामी 3 जुलाई को भोपाल में मनुस्मृति को प्रतीकात्मक रूप से जलाकर विरोध दर्ज करने का निर्णय लिया है। 

मनुस्मृति के प्रकाशन पर प्रतिबंध लगाने की रखेंगे मांग

इस दौरान मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा जाएगा। जिसमें मनुस्मृति के प्रकाशन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की जाएगी। साथ ही इससे प्रेरित होकर इस प्रकार की घटनाएं करने वालों पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने के लिए कड़ा कानून बनाया जाए इसकी मांग भी रखी जाएगी। दामोदर सिंह यादव ने आगे कहा कि ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने का भी मनुवादी मानसिकता वालों ने विरोध किया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी भी मामले को लेकर नाटक कर रहे हैं।

BJP बोली- हर प्रकार के ग्रन्थों का सम्मान होना चाहिए

दामोदर यादव के बयान पर बीजेपी ने तीखा पलटवार किया। प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा कि बीजेपी सबका साथ, सबका विकास, सबके सम्मान की नीति पर चलती है। सभी वर्गों को सम्मान दिया जाता है। ऐसे में कुछ लोग प्रदेश का माहौल बिगड़ने में लगे हुए हैं। यह वही लोग हैं जिनके राजनीतिक मंसूबे पूरे नहीं हो पा रहे। लिहाजा समाज को बरगलाने का काम किया जा रहा है। प्रदेश में ऐसी आपराधिक गतिविधि स्वीकार नहीं की जाएगा। सख्त कार्यवाही करेंगे। हर प्रकार के ग्रन्थों का सम्मान होना चाहिए। 

जाति के आधार पर बांटने वालों की मानसिकता खराब: कांग्रेस

उधर, कांग्रेस प्रदेश महासचिव अमित शर्मा ने कहा कि ग्रंथ को जलाना कितना न्याय संगत है, यह विचार लोगों को करना चाहिए। कई पक्ष मनुस्मृति ग्रंथ के पक्ष में हैं तो कई इसका विरोध भी करते आ रहे हैं। कांग्रेस पार्टी में सभी वर्गों का सामान्य रूप से सम्मान रहा है। यही कारण है कि राहुल गांधी ने शोषित वर्ग के लिए जातिगत जनगणना की लड़ाई लड़ी। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने धर्मनिरपेक्षता पर बयान देकर नई बहस छेड़ दी है। तो आरएसएस के कई मंचों से आरक्षण को खत्म करने की मांग भी उठ चुकी है। जाति के आधार पर बांटने वालों की मानसिकता खराब है।

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