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जब से कर्मचारियों को सातवां वेतनमान मिला है, मध्य प्रदेश में रिश्वतखोरी के मामले अब तक के अधिकतम स्तर पर पहुंच गए हैं। पहले किसी प्रकार की राहत या रियायत के लिए रिश्वत का लेनदेन होता था लेकिन अब नियम के अनुसार काम करवाने के लिए भी रिश्वत देनी पड़ती है। आज लोकायुक्त पुलिस ने भोपाल में BDA और शिवपुरी में तहसीलदार के बाबू को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। यह दोनों अपने निर्धारित कर्तव्य का पालन करने के लिए रिश्वत ले रहे थे जबकि दोनों का वेतन ₹100000 मासिक से अधिक है। 

BDA BHOPAL का शहाबुद्दीन सिद्दीकी रिश्वत लेते गिरफ्तार

भोपाल में घनश्याम सिंह राठौड़ ने पुलिस अधीक्षक (Superintendent of Police, Lokayukta) के समक्ष प्रस्तुत होकर बताया कि उन्होंने भोपाल विकास प्राधिकरण (Bhopal Development Authority, BDA) में प्रॉपर्टी के नामांतरण (Property Transfer) के लिए आवेदन किया था। नामांतरण की फाइल BDA के बाबू शहाबुद्दीन सिद्दीकी के पास थी। वह BDA की निर्धारित फीस के अलावा ₹10,000 की रिश्वत (Bribe) मांग रहा था और कहता था कि रिश्वत नहीं मिलने पर नामांतरण नहीं किया जाएगा। पिछले चार महीनों से वह निर्धारित नियमों के अनुसार नामांतरण नहीं कर रहा था। लोकायुक्त पुलिस (Lokayukta Police) ने मामले की जांच की और पाया कि शहाबुद्दीन को ₹2,00,000 मासिक वेतन मिलने के बावजूद वह खुलेआम रिश्वत मांग रहा था।  

एसपी लोकायुक्त (SP Lokayukta) ने शिकायत की पुष्टि के बाद ट्रैप दल (Trap Team) का गठन किया और शहाबुद्दीन सिद्दीकी को ₹10,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार (Caught Red-Handed) कर लिया। केमिकल टेस्ट (Chemical Test) पॉजिटिव पाया गया। शहाबुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) की धारा 7 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तारी (Arrest) की गई।  

पोहरी तहसीलदार का रीडर पुनीत गुप्ता रिश्वत लेते गिरफ्तार

शिवपुरी जिले की पोहरी तहसील कार्यालय में तहसीलदार के रीडर पुनीत गुप्ता को रिश्वत (Bribe) लेते हुए ग्वालियर लोकायुक्त (Gwalior Lokayukta) की टीम ने योजना बनाकर रंगे हाथों पकड़ (Caught Red-Handed) लिया। जानकारी के अनुसार, फरियादी अतर सिंह धाकड़, निवासी रणधीर, ने लोकायुक्त को शिकायत दी थी कि उनकी जमीन बरईपुरा गांव में स्थित है, जो रणधीर से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर है। इस जमीन से लगे नाले पर ओमप्रकाश शाक्य सहित कुछ लोगों ने अतिक्रमण (Encroachment) कर लिया था, जिससे नाले का पानी खेत में घुसने लगा और अतर सिंह के भाई की फसलें खराब हो रही थीं।  

तहसीलदार निशा भारद्वाज ने अतिक्रमण हटाने (Encroachment Removal) का आदेश जारी किया था, लेकिन रीडर पुनीत गुप्ता ने इस कार्यवाही के एवज में ₹10,000 की रिश्वत मांगी। अतर सिंह ने 10 जून को ग्वालियर लोकायुक्त कार्यालय (Lokayukta Office, Gwalior) में शिकायत दर्ज की। लोकायुक्त निरीक्षक टीआई कवींद्र सिंह चौहान के नेतृत्व में शुक्रवार को योजना बनाई गई और जैसे ही फरियादी ने ₹10,000 की रकम पुनीत गुप्ता को दी, लोकायुक्त टीम ने उसे तहसील परिसर में रंगे हाथों पकड़ लिया।  





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